
नई दिल्ली। पिछले शुक्रवार एसआईटी ने हाथरस भगदड़ की घटना पर अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी। रिपोर्ट में 100 लोगों के बयान शामिल हैं, जिसके आधार पर महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई है। रिपोर्ट के आधार पर सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट और सर्किल ऑफिसर को निलंबित कर दिया गया है।
एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर की गई कार्रवाई
एसआईटी की संस्तुति के बाद एसडीएम और सीओ समेत कुल छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। चल रही जांच का नेतृत्व एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर कर रहे हैं। घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए और मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की।
रिपोर्ट सौंपने में देरी
एसआईटी में एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और कमिश्नर चैत्रा वी शामिल थे। शुरुआत में उन्हें 24 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घटनास्थल पर जाने और बचाव एवं राहत कार्यों की तात्कालिकता के कारण रिपोर्ट प्रस्तुत करने में देरी हुई। अधिकारियों ने अपनी जांच पूरी करने के लिए अतिरिक्त तीन दिन का समय मांगा, जिसे मंजूर कर लिया गया। अब रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद सभी की निगाहें सरकार के अगले कदमों पर टिकी हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा साकार हरि द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान भगदड़ मची। हालांकि प्रशासन ने 80,000 लोगों की उपस्थिति को मंजूरी दी थी, लेकिन 250,000 से अधिक लोग वहां पहुंचे। जब भीड़ ने कार्यक्रम स्थल से बाहर निकलने का प्रयास किया, तो अफरा-तफरी मच गई, जिससे भगदड़ मच गई। एसआईटी की रिपोर्ट हाथ में आने के बाद प्रशासन ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की है। अब ध्यान इस बात पर रहेगा कि सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाएगी।