लखनऊ। यूपी में 2022 में दूसरी बार सत्ता मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी मदरसों का भौतिक सत्यापन कराया था। इस भौतिक सत्यापन में तमाम मदरसों के बारे में पता चला था कि वे अवैध हैं। इन मदरसों को वैध कराने के लिए समयसीमा दी गई थी। अब सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एक एसआईटी बनाई गई है। ये एसआईटी यूपी में 4000 से ज्यादा मदरसों की जांच करेगी। एसआईटी जांच के दायरे में इन मदरसों को होने वाली विदेशी फंडिंग है। एसआईटी पता करने वाली है कि मदरसों को विदेशी फंडिंग अगर मिल रही है, तो कहां से और ये विदेशी फंडिंग वैध है या अवैध। मदरसों को विदेशी फंडिंग की जांच करने वाली एसआईटी का अध्यक्ष यूपी एटीएस के चीफ मोहित अग्रवाल को बनाया गया है। उनके अलावा एसपी साइबर क्राइम डॉक्टर त्रिवेणी सिंह और अल्पसंख्यक कल्याणा विभाग की निदेशक जे. रीभा को भी एसआईटी में रखा गया है।
यूपी सरकार के अल्पसंख्यक विभाग ने तमाम जिलों में गैर मान्यता वाले मदरसों की जांच की थी। उस जांच में पता चला था कि मदरसों के आय के स्रोत के तौर पर विदेश से मिलने वाली फंडिंग भी है। वहीं, एटीएस ने पिछले दिनों बांग्लादेशी और रोहिंग्या की भारत में घुसपैठ कराने वाले गिरोह के 3 सदस्यों को पकड़ने में सफलता हासिल की थी। इनकी जांच से यूपी एटीएस को पता चला था कि दिल्ली के एक एनजीओ के जरिए 3 साल में 20 करोड़ की विदेशी फंडिंग हुई। इस विदेशी फंडिंग से घुसपैठियों की मदद की जा रही थी। इस खुलासे के बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी मदरसों की विदेशी फंडिंग की जांच का फैसला कर आदेश दिए थे। उसी के बाद एसआईटी बनाई गई है।
सूत्रों के अनुसार शक है कि विदेश से जो मदरसों को फंडिंग हो रही है, उसका इस्तेमाल देशविरोधी गतिविधियों और अवैध धर्मांतरण में किया जा रहा है। सभी मदरसों को एसआईटी नोटिस भेजकर विदेशी फंडिंग के बारे में जानकारी मांगेगी। फिर विदेश से फंडिंग के बारे में जिन मदरसों से जानकारी मिलेगी, उनकी लिस्ट बनाई जाएगी। इसके बाद देखा जाएगा कि यूपी के इन मदरसों को दिन देशों से पैसा मिल रहा है और उस रकम का किस काम में इस्तेमाल किया गया है। सूत्रों के अनुसार यूपी के नेपाल सीमा से सटे इलाकों बहराइच, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और पीलीभीत में कुकुरमुत्तों की तरह मदरसे खुल गए हैं। नेपाल सीमा से लगे इलाकों में ऐसे मदरसों की तादाद 1000 से ज्यादा है। पिछले कुछ साल में यहां धड़ाधड़ मदरसों को खोला गया है। इनकी ज्यादा गहन जांच का फैसला किया गया है।