
उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या के मामले में एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। ताजा खुलासा ये हुआ है कि टेलर की हत्या के आरोपी मोहम्मद गौस और रियाज ने उदयपुर में ही करीब 40 लोगों को साथ जोड़कर आतंक का स्लीपर सेल बना रखा था। इन सभी लोगों की तलाश अब एनआईए कर रही है। उधर, कन्हैयालाल की हत्या के तार अब यूपी के कानपुर से भी जुड़ रहे हैं। पता चला है कि हत्या के लिए गौस और रियाज ने कानपुर से ही चाकू खरीदे थे। इससे लग रहा है कि वे काफी समय से सोची समझी साजिश के तहत हत्या की योजना बना रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक गौस और रियाज ने जो स्लीपर सेल बनाया था, उसमें शामिल लोग उदयपुर और आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं। जांच एजेंसी इनके ठिकानों पर छापे मार रही है। ज्यादातर आरोपियों के बारे में पता चला है कि वे खांजीपीर, सवीना और सिलावटवाड़ी इलाके के हैं। वाट्सएप के जरिए गौस और रियाज ने सभी को जोड़ा हुआ था। दोनों के मोबाइल से पाकिस्तानी मौलानाओं के भड़काऊ भाषण वाले वीडियो मिलने का दावा भी सूत्रों ने किया है। इनमें से कई वीडियो अकेले आतंकी हमला करने यानी लोन वूल्फ अटैक और अन्य तरह से हमले करने के बारे में भी हैं।
हत्या में इस्तेमाल दोनों चाकुओं के बारे में पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने इसे कानपुर से खरीदा था। इसके बाद उदयपुर की एक निजी फैक्ट्री में इन चाकुओं को धारदार किया गया। दोनों ने काफी वजनी चाकू खरीदे थे। ताकि एक ही झटके में कन्हैयालाल की हत्या की जा सके और उसे बचने का कोई मौका न मिले। बता दें कि रियाज ने सबसे पहले कन्हैया पर हमला किया था। उसने गर्दन काट दी थी। वहीं, गौस ने भी चाकू से वार किए थे। पोस्टमॉर्टम में कन्हैयालाल के शव पर घातक वार के 26 निशान मिले थे। शरीर से सारा खून बह जाने की वजह से उनकी मौत हुई थी।