
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लेकर एक लंबे वक्त से कयास लगाए जा रहे हैं, कि हो सकता है कि वह कुछ समय बाद राजनीति को अलविदा कह दें। इन अटकलों को हवा देते हुए गडकरी ने एक बार फिर संकेत दिया कि राजनीति में उनकी दिलचस्पी कम हो रही है। उनके बयान ने न केवल पार्टी आलाकमान के साथ संभावित अनबन की अटकलों को हवा दी है, बल्कि यह भी कि उन्हें 2024 के आम चुनावों के लिए टिकट से वंचित किया जा सकता है। उनकी टिप्पणी को एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि आरएसएस से करीबी संबंधों वाले नागपुर के कद्दावर नेता भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ संबंधों को लेकर अब शायद उतने खुश नहीं हैं।
आपको बता दें कि केंद्रीय सड़क एवं प्रबंध मंत्री रविवार को एक पुरस्कार समारोह में शामिल हुए थे जिसमें उन्होंने तमाम बातें कही गडकरी ने कहा था कि भले ही उन्होंने दो चुनाव जीते हैं, लेकिन वह चाहते हैं कि लोग उन्हें तभी वोट दें जब वे उनके काम को पसंद करते हों। नागपुर में वह डॉक्टर मोहन धारिया राष्ट्र निर्माण पुरस्कार समारोह में शामिल हुए गडकरी ने कहा कि वह वोट के लिए मक्खन लगाने वाले नहीं हैं। गडकरी ने कहा, ‘मैं देश में जैव ईंधन और वाटरशेड संरक्षण सहित कई प्रयोग कर रहा हूं। अगर लोग इन्हें पसंद करते हैं, तो ठीक है… नहीं तो मुझे वोट मत दें। मैं पॉपुलर पॉलिटिक्स के लिए ज्यादा मक्खन लगाने को तैयार नहीं हूं।’ वही नितिन गडकरी के इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में समाचार एजेंसी द टाइम्स ऑफ इंडिया ने गडकरी के कार्यालय के एक अधिकारी के हवाले से लिखा, कि केंद्रीय मंत्री के बयान को मीडिया द्वारा गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा, “उन्होंने (गडकरी) केवल यह स्पष्ट किया था कि वह वोट पाने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करेंगे।” लेकिन मीडिया द्वारा कि इसे किसी और तरीके से दिखाया गया।