नई दिल्ली। केरल के कोच्चि के एर्नाकुलम से बम ब्लास्ट की खबर सामने आई। यह बम ब्लास्ट यहोवा विटनेस के प्रार्थना सभा के दौरान हुई। तीन दिवसीय प्रार्थना सभा का आयोजन एर्नाकुलम में किया गया था। आज आखिरी दिन था, लेकिन सुबह 9 बजे एकाएक यहां ब्लास्ट हो गया, जिसकी जद में आकर एक महिला की मौत हो गई, तो वहीं खबर लिखे जाने तक 40 लोग घायल हो गए। उधर, घटनास्थल पर चार सदस्यीय एनआईए की टीम मौके पर पहुंची। वहीं, शुरुआती जांच में अब तक जो कुछ निकलकर सामने आया है। आगे हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
दरअसल, शुरुआत जांच में सामने आया है कि इस हमले में इंसेंडियरी डिवाइस का इस्तेमाल किया गया है। यह एक प्रकार का आग लगाने वाला हथियार होता है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से हमला करने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही संवेदनशील उपकरणों को भी नष्ट करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। कभी-कभी एंटी पर्सनल उपकरण के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि इंसेंडिसरी डिवाइस में नेपलम, थर्माइट, मैग्नीशियम पाउडर और क्लोरीन ट्राइफ्लोराइड का इस्तेमाल किया जाता है। पहली मर्तबा इसका इस्तेमाल प्रथम विश्व युद्ध में हुआ था। बाद इसे अन्य कई प्रकार के युद्धों में इसका उपयोग किया जाने लगा।
#WATCH केरल के एर्नाकुलम में कलामासेरी के एक कन्वेंशन सेंटर में विस्फोट में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, और कई घायल हैं। pic.twitter.com/apMeOv2zee
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 29, 2023
क्या होता है आईईडी?
आईईडी का मतलब इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस होता है, जिसका उपयोग कई प्रकार के हमलों में किया जा चुका है। इसमें आग लगाने वाले घातक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। इन उपकरणों के ऊपर तेज धुएं का दबाव होता है। इसको ट्रिगर करने के लिए आतंकी और नक्सली रिमोट कंट्रोल, इंफ्रारेड या मैग्नेटिक ट्रिगर्स, प्रेशर-सेंसिटिव बार्स या ट्रिप वायर जैसे तरीकों का इस्तेमाल करता है।
बढ़ाई गई सुरक्षा
उधर, एर्नाकुलम में ब्लास्ट के बाद सभी संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा-व्यवस्था बढा़ कर दी गई। वहीं, सभी गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। बहरहाल, इस हमले को संज्ञान में लेने के बाद जांच का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। अब ऐसे में आगामी दिनों में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।