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Delhi Liquor Policy Case : दिल्ली शराब नीति घोटाले में कुछ और हाई-प्रोफाइल लोगों की हो सकती गिरफ्तारी, सीबीआई ने कोर्ट में दी जानकारी

Delhi Liquor Policy Case : आप नेता मनीष सिसोदिया की याचिका पर आज सुनवाई के दौरान सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया। सीबीआई ने दलील दी कि अभी जांच चल रही है और सिसोदिया इसमें बाधा डाल सकते हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली के शराब नीति घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि इस केस में कुछ और हाई-प्रोफाइल लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है। आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने दलील दी कि अभी जांच चल रही है और सिसोदिया इसमें बाधा डाल सकते हैं। बता दें कि दिल्ली के शराब घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है, वहीं इस मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच ईडी कर रही है। ईडी ने हाल ही में तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के. कविता को गिरफ्तार किया है। इससे पहले इस मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। आप नेता सत्येंद्र जैन को भी इसी मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।

आप नेता मनीष सिसोदिया की याचिका पर आज सुनवाई के दौरान सीबीआई ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया। उधर, सिसोदिया की ओर से पेश वकील ने दावा किया कि कोर्ट की कार्रवाईयों में देरी हो रही है, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोर्ट की कार्रवाई धीमी गति से चलती है तो आरोपी तीन महीने में जमानत के लिए गुहार लगा सकता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 14 मार्च को सिसोदिया की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी थी। आप नेता ने सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी। इसे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने खारिज कर दिया था। आपको बता दें क्यूरेटिव याचिकाम एक ऐसी याचिका है जो समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद भी अदालत से अपने फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध करती है। दरअसल, अरविंद केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को दिल्ली में नई शराब नीति लागू की थी। सरकार ने तर्क दिया था कि इस नीति से रेवेन्यू बढ़ेगा और ब्लैक मार्केटिंग पर भी लगाम लगेगी। इतना ही नहीं सरकार का यह भी तर्क था कि यह नीति ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद होगी। हालांकि, यह नीति जल्द ही विवादों में आ गई और इसमें घोटाले की परतें खुलने लगीं। इसके बाद केजरीवाल सरकार ने इसे वापस ले लिया।