नई दिल्ली। संसद का सत्र शुरू होने वाला है। इससे पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मुद्दा तूल पकड़ रहा है। यूसीसी का पक्ष तो पीएम नरेंद्र मोदी खुद भोपाल में हुए एक कार्यक्रम में ले चुके हैं। वहीं, विपक्ष के नेता यूसीसी के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। इनमें समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद सबसे मुखर हैं। यूपी के मुरादाबाद से सपा के सांसद एसटी हसन ने यूसीसी को न मानने का एलान किया है। एसटी हसन ने मीडिया से कहा कि चाहे कितने भी बिल लाए जाएं, लेकिन मुसलमान तो शरीयत की बात ही मानेगा। उन्होंने मुसलमानों को भी उकसाने जैसी बात कही।
#FreshAndFast: UCC के विरोध में उतरे सपा सांसद @DrSTHasanMP2, कहा- ‘कितने ही बिल ले आओ..फर्क नहीं, हम तो शरीयत का हुक्म ही मानेंगे’
?पूर्व केंद्रीय मंत्री @naqvimukhtar ने किया UCC का समर्थन@AnchorAnurag #UCC #UniformCivilCode pic.twitter.com/04VJFx6cGd
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) July 2, 2023
एसटी हसन ने कहा कि जिस मुसलमान को कुरान पाक की बात नहीं माननी है, उनको वो सलाह दे रहे हैं कि इस्लाम छोड़कर कहीं और चले जाएं। एसटी हसन के इस बयान पर बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार किया है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उन्होंने कम्युनल कारीगरों की वजह से यूसीसी को कारागार में कैद रहना बताया। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस यूसीसी की रिहाई का वक्त आ गया है। बता दें कि इससे पहले सपा के संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी यूसीसी को न मानने का एलान किया था।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम में यूसीसी का पक्ष लिया था। उन्होंने कहा था कि एक घर में दो नियम नहीं हो सकते। बीजेपी की उत्तराखंड सरकार के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी अपने राज्य में यूसीसी लागू करने का एलान पहले से ही कर रखा है। देश में अभी सिर्फ गोवा में यूसीसी लागू है। गोवा में पुर्तगाली शासन के समय से यूसीसी है। यूसीसी से शादी, तलाक, विरासत और गोद लेने जैसे तमाम मामलों में सभी समुदायों के लिए एक जैसे नियम होंगे। इसी का मुस्लिम संगठन और मुसलमान नेता विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यूसीसी उनके पर्सनल लॉ में दखलंदाजी है।