अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने राहुल गांधी के एक बयान को झूठा बताया है। चंपत राय ने राहुल गांधी के उस बयान को गलत बताया कि भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को न्योता नहीं दिया गया था। चंपत राय ने बयान जारी कर कहा है कि गुजरात में राहुल गांधी ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा में राष्ट्रपति को इसलिए नहीं बुलाया गया, क्योंकि वो आदिवासी हैं। चंपत राय ने कहा कि राहुल गांधी ने तथ्यों की पड़ताल नहीं की। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा में राष्ट्रपति मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी बुलाया गया था।
चंपत राय ने ये भी बताया कि अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग और बहुत गरीब लोगों को भी निमंत्रण भेजकर बुलाया गया। उन्होंने राहुल गांधी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि राम मंदिर बनाने में लगा ट्रस्ट किसी से भेदभाव नहीं कर सकता। चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी के 3 महीने बाद राहुल गांधी का ये बयान देना समाज में भेदभाव करने की कोशिश है। सुनिए चंपत राय का ये बयान, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की गलतबयानी पर अपनी नाराजगी जताई है।
#WATCH | Ayodhya: On Congress MP Rahul Gandhi’s claim that President Murmu was not invited during the Pran Pratishtha of Ram Lalla because she is an Adivasi, General Secretary of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra, Champat Rai says, “In a meeting in Gujarat, Rahul ji has said… pic.twitter.com/oLbA9oLlWP
— ANI (@ANI) April 30, 2024
बता दें कि गांधी परिवार और कांग्रेस के नेताओं को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्योता दिया था। विपक्ष के तमाम और नेताओं को भी ट्रस्ट ने प्राण प्रतिष्ठा में बुलाया था, लेकिन इनमें से कोई नहीं पहुंचा। कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं ने तब भी आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी होने के कारण प्राण प्रतिष्ठा से दूर रखा गया। विपक्ष ने ये कहकर प्राण प्रतिष्ठा से दूरी बनाई थी कि ये बीजेपी और आरएसएस का राजनीतिक कार्यक्रम है। इस मामले में बीजेपी लगातार कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं पर हमलावर बनी हुई है। अपनी चुनावी जनसभाओं में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के नेता इस मसले को जोर-शोर से उठा रहे हैं।