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Video: “अयोध्या हमारी, अब काशी-मथुरा…”, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 245 साल के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार का काम कराया गया है। इससे पहले अहिल्याबाई ने मंदिर के जीर्णोद्धार का काम कराया था। वहीं मंदिर में प्रशासनिक व्यवस्था संभाल रहे विपुल कुमार सिंह ने बताया, ’95 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

नई दिल्ली। अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का जिक्र पूरी दुनिया में हैं। इस तरह के नारे भी सुनाई देते हैं कि “अयोध्या तो झांकी है, काशी-मथुरा बाक़ी है”! लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर पर फैसला सुनाया था। इसके बाद राम मंदिर बनने का रास्ता साफ़ हो पाया था। अब उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने “काशी-मथुरा” को लेकर बड़ा एलान कर दिया है। केशव प्रसाद मौर्या ने कहा-“अयोध्या हुई हमारी, अब काशी-मथुरा की बारी”

keshaw prashad maurya

दरअसल यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक चैनल से बातचीत करते हुए कहा है कि अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण से राम भक्तों में खुशी है। जैसा कि हम लोग आंदोलन के समय नारा लगाते थे कि अयोध्या हुई हमारी अब काशी-मथुरा की बारी। काशी और मथुरा दोनों हमारी हैं। काशी में कॉरिडोर बन चुका है। अब कृष्ण जन्मभूमि की बारी है। ये सारा काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और जनता के आशीर्वाद से हो रहा है।

Kashi vishwnath

आपको बता दें कि पीएम मोदी 13 दिसंबर को 11 अर्चकों के साथ बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक और पूजन-अर्चन कर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे।  पीएम मोदी काशी में दो दिन तक रहेंगे। द्वादश ज्योतिर्लिंग के अर्चकों को भी न्योता दिया गया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन पर चारों पीठ के पीठाधीश्वर और धर्म आचार्य भी मौजूद रहेंगे। इसका जिम्मा अखिल भारतीय संत समिति के ऊपर है।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 245 साल के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार का काम कराया गया है। इससे पहले अहिल्याबाई ने मंदिर के जीर्णोद्धार का काम कराया था। वहीं मंदिर में प्रशासनिक व्यवस्था संभाल रहे विपुल कुमार सिंह ने बताया, ’95 फीसदी काम पूरा हो चुका है।  हमें बताया गया है कि 13 दिसंबर को इसका उद्घाटन होगा।  पहले लगभग पांच से दस हजार श्रद्धालु दर्शन करते थे लेकिन अब एक लाख से ज़्यादा श्रद्धालु एक साथ जलाभिषेक करेंगे।  पहले जल लेकर आते समय बहुत परेशानी होती थी।  अब उन दिक्कतों को इस काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट से आसान तरीके से बदला गया। ‘