नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली सरकार और अन्य एनसीआर राज्यों (हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान) को पूरे साल पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाने पर अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने राज्यों से अपने फैसले शीर्ष अदालत के समक्ष रखने को बोला है। दिल्ली में वायु प्रदूषण से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध न केवल वायु प्रदूषण बल्कि ध्वनि प्रदूषण पर भी अंकुश लगाने के लिए आवश्यक है।
पीठ ने कहा कि एनसीआर राज्यों में पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध के मुद्दे पर अभी तक विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। हम संबंधित राज्य सरकारों को पूरे वर्ष पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध के संबंध में अपने निर्णय देने का निर्देश देते हैं। कोर्ट ने कहा कि इसमें पटाखों के निर्माण, उनके भंडारण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध भी शामिल होगा। इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर पटाखों में बैन का आदेश सख्त तरीके से लागू न कराने के लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ दिवाली नहीं हम पूरे साल पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध पर विचार कर रहे हैं। इस संबंध में कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली किसी भी गतिविधि को प्रोत्साहित नहीं करता है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया था कि पिछले कुछ सालों में दिवाली से कुछ दिन पहले दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध तो लगाया जाता है मगर उस आदेश का सख्ती से पालन नहीं कराया जाता है। इसके लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर से कोर्ट ने जवाब भी मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों द्वारा पराली जलाने को लेकर पंजाब की आप सरकार को भी फटकार लगाई थी।