newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Pegasus Snooping Row: कल पता चलेगा कि पेगासस की मदद से किसी की जासूसी हुई या नहीं, कमेटी ने SC को सौंपी रिपोर्ट

पिछले साल संसद के मॉनसून सत्र के दौरान पेगासस से जासूसी किए जाने का आरोप सरकार पर लगा था। इसे लेकर संसद में जमकर हंगामा हुआ था। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की तरफ से एक लिस्ट निकाली गई थी। जिसमें वे नाम थे, जिनके बारे में दावा किया गया था कि उनके फोन की जासूसी हुई।

नई दिल्ली। इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए मोदी सरकार ने क्या नेताओं, जजों और पत्रकारों की जासूसी की थी ? इस सवाल का जवाब कल मिलने की उम्मीद है। इस मामले में दाखिल अर्जियों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जिस विशेष जांच कमेटी को इसका पता करने का जिम्मा सौंपा था, उसने अदालत में अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है। सुप्रीम कोर्ट इस पर अब बुधवार को सुनवाई कर सकता है। पिछले साल संसद के मॉनसून सत्र के दौरान पेगासस से जासूसी किए जाने का आरोप सरकार पर लगा था। इसे लेकर संसद में जमकर हंगामा हुआ था। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की तरफ से एक लिस्ट निकाली गई थी। जिसमें वे नाम थे, जिनके बारे में दावा किया गया था कि उनके फोन की जासूसी हुई। सरकार ने हालांकि संसद में साफ कहा था कि उसने नियमों का उल्लंघन कर अवैध जासूसी नहीं कराई।

Supreme Court

सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के कुछ नेता और अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जिसके बाद कोर्ट ने 27 अक्टूबर को जांच के लिए एक्सपर्ट्स की एक कमेटी बनाई थी। एक्सपर्ट पैनल में नवीन कुमार चौधरी, प्रभाकरण पी और अश्विन अनिल गुमास्ते को रखा गया। ये सभी साइबर सुरक्षा, डिजिट, फोरेंसिक, नेटवर्क और हार्डवेयर के विशेषज्ञ हैं। कमेटी को जांच में मदद देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व जज वी. रवींद्रन के अलावा पूर्व आईपीएस आलोक जोशी और संदीप ओबरॉय समेत कुछ और विशेषज्ञों को भी रखा था।

Rahul and Priyanka

 

सुप्रीम कोर्ट के सामने तमाम लोगों ने अर्जी देकर ये कहा कि उनके फोन की भी जासूसी कराई गई, लेकिन एक्सपर्ट कमेटी ने जब ऐसे लोगों से जांच के लिए फोन मांगे, तो सिर्फ 2 लोगों ने ही अपने फोन जमा कराए। जबकि, अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने दावा किया था कि पेगासस का इस्तेमाल कर भारत में 300 से ज्यादा लोगों की जासूसी की गई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दावा किया था कि उनके फोन की जासूसी हुई, लेकिन जांच के लिए उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को फोन नहीं सौंपा। यूपी चुनाव को जीतने के लिए दौरों पर दौरे कर रहीं प्रियंका गांधी ने भी खुद के फोन की जासूसी होने का दावा किया था, लेकिन उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट को अपना फोन जांच के लिए नहीं दिया।