Supreme Court On Hijab Ban: कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब बैन पर सुप्रीम कोर्ट की बंटी राय, बड़ी बेंच अब सुनाएगी फैसला

कोर्ट ने 10 दिन तक इस मामले में सुनवाई की थी। जस्टिस गुप्ता इसी हफ्ते रिटायर हो रहे हैं। इस वजह से बेंच ने इस मामले में आज फैसला सुनाने का तय किया था। इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार की ओर से हिजाब पर बैन के खिलाफ अर्जियों को खारिज कर दिया था। इसी के खिलाफ कुछ लड़कियों और अन्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी गई थी।

Avatar Written by: October 13, 2022 10:46 am
hijab ban supreme court

नई दिल्ली। कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच में जाएगा। जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने हिजाब बैन पर अलग-अलग राय दी है। जस्टिस गुप्ता ने हिजाब बैन के खिलाफ अर्जी को खारिज करने लायक समझा। वहीं, जस्टिस धूलिया ने कर्नाटक सरकार के आदेश को रद्द करने का फैसला सुनाया। जस्टिस धूलिया ने कहा कि छात्राओं को अपनी पसंद मानने का हक है। उन्होंने कहा कि बच्चों की तालीम के लिए ऐसा काम नहीं होना चाहिए कि उसकी शिक्षा पर असर पड़े। जस्टिस धूलिया ने कहा कि एक बच्ची स्कूल जाने से पहले घर का काम करती है और क्या हम ऐसा करके उसके जीवन को बेहतर बना रहे हैं? मैंने सम्मानपूर्वक मतभेद किया है। यह केवल अनुच्छेद 19, और 25 से संबंधित मामला था। उन्होंने कहा कि मैं कर्नाटक सरकार के आदेश और वहां के हाईकोर्ट के उसके पक्ष में दिए फैसले को रद्द करता हूं। अब ये मामला 3 जजों की बड़ी बेंच के पास जाएगा। 2 जजों की बेंच ने 10 दिन तक इस मामले में सुनवाई की थी। जस्टिस गुप्ता इसी हफ्ते रिटायर हो रहे हैं। इस वजह से बेंच ने इस मामले में आज फैसला सुनाने का तय किया था। इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार की ओर से हिजाब पर बैन के खिलाफ अर्जियों को खारिज कर दिया था। इसी के खिलाफ कुछ लड़कियों और अन्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी गई थी।

Hijab Row

हिजाब के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में ये दलीलें दी गईं

सुप्रीम कोर्ट में हिजाब बैन पर सुनवाई के दौरान ये दलील तक दी गई कि हिजाब पहनने से अगर रोका गया, तो लड़कियां स्कूल जाना बंद कर देंगी। ये दलील भी दी गई कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा है। इस पर कोर्ट ने जानकारी चाही, तो अर्जी देने वालों के वकीलों ने अपने रुख से पलटते हुए इस्लामी संस्कृति में हिजाब के होने की बात कही। इस पर जस्टिस हेमंत गुप्ता ने उनसे रुख पलटने पर जवाब भी मांगा था। कोर्ट को कुछ वकीलों ने सुझाव भी दिया था कि इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को भेजा जाए। कोर्ट ने इसे संवैधानिक मामला मानने से इनकार कर दिया था। हिजाब बैन के हर पहलू पर लंबी चर्चा के बाद दोनों जजों ने फैसला सुरक्षित किया था।

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क्या है हिजाब विवाद और कर्नाटक सरकार की दलील?

कर्नाटक सरकार ने कोर्ट में कहा था कि हिजाब पर बैन का फैसला किसी धर्म विशेष की वजह से जारी नहीं किया गया है। कर्नाटक के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हिजाब के मुद्दे पर हुआ आंदोलन भी ‘सहज’ नहीं था। कर्नाटक के उडुपी में सरकारी वीमेंस पीयू कॉलेज में 6 छात्राएं हिजाब पहनकर गई थीं। कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वो फिर भी पहनकर आईं। छात्राओं ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था। ये मामला देशभर में फैल गया। स्कूलों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन हुए थे। इस साल 5 फरवरी को कर्नाटक सरकार ने स्कूल और कॉलेजों में यूनिफॉर्म को अनिवार्य करने का फैसला किया था। इसके खिलाफ मुस्लिम छात्राएं कर्नाटक हाईकोर्ट गई थीं। वहां 15 मार्च को उनकी अर्जी खारिज हुई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि इस्लाम में आस्था और धार्मिक अभ्यास से हिजाब पहनने का कोई संबंध नहीं है।