
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर अपमानजनक टिप्पणी के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की आलोचना करते हुए उन्हें सख्त नसीहत दी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वीर सावरकर जैसे लोगों ने हमें स्वतंत्रता दिलाई और आपका उनके प्रति इस प्रकार का बर्ताव है। कोर्ट ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान देने से सावधान किया और कहा कि अगर भविष्य में उन्होंने फिर इस प्रकार की कोई आपत्तिजनक टिप्पणी की तो अदालत स्वत: संज्ञान ले सकती है जिसके बाद गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने सावरकर का सम्मान किया था और इंदिरा गांधी ने खुद उन्हें पत्र लिखा था। कोर्ट ने राहुल गांधी को चेतावनी दी कि ऐसी हस्तियों पर टिप्पणी करने से पहले उन्हें ऐतिहासिक संदर्भ को समझना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट बेंच ने हालांकि राहुल गांधी को राहत भी दी। बेंच ने वीर सावरकर को लेकर अपमानजनक टिप्पणी मामले में राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि केस में जारी समन को रद्द करने से इनकार करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।
4 अप्रैल को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी के खिलाफ समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने साल 2022 में भारत जोड़ो पद यात्रा निकाली थी। उस पदयात्रा के दौरान राहुल गांधी ने अपने भाषण में वीर सावरकर को अंग्रेजों का नौकर कहा था। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि वीर सावरकर ने डर के मारे अंग्रेजों के आगे घुटने टेक दिए थे और माफी मांग ली थी। राहुल गांधी की इसी टिप्पणी के खिलाफ एक अधिवक्ता ने उन पर मानहानि का केस कर दिया था।