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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट को आज मिल गए 2 नए न्यायाधीश, चीफ जस्टिस के समक्ष ली पद की शपथ

Supreme Court: न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा का मूल कैडर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट है। उन्हें 13 अक्टूबर 2021 को आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के लिए कोई रेप्रेज़ेंटेटिव नहीं हैं। जिसके चलते इस सिफारिश पर अंतिम मुहर लग सकी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने प्रशांत कुमार मिश्रा को 12 वर्ष से अधिक समय तक के लिए कानून और न्याय से जुड़े मुद्दों पर गहरी समझ रही है।

नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च न्यायालय को आज दो ने न्यायाधीश मिल गए हैं। आज सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और सीनियर अधिवक्ता केवी विश्वनाथन सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली। बता दें कि दोनों के नामों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 16 मई को उनके प्रमोशन को लेकर सिफारिश की थी, जिसके बाद केंद्र सरकार की ओर से तीन दिनों के अंदर ही दोनों के नामों को लेकर अंतिम स्वीकृति दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में अधिकतम जजों की संख्या 34 होती है, मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट में 32 जज हैं। लेकिन इन दोनों के शपथ ग्रहण के साथ ही सुप्रीम कोर्ट अपनी पूरी क्षमता में आ गया।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहे दिनेश माहेश्वरी, और एमआर शाह क्रमशः 12 और 15 मई को सेवानिवृत्त हुए थे। जिसके बाद जजों की संख्या सुप्रीम कोर्ट में 32 हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट के ढांचे में वर्तमान में 33 जज और एक मुख्य वरिष्ठ जज होते हैं। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश को वरिष्ठता के आधार पर चुने जाने की परंपरा रही है। सर्वोच्च न्यायालय से आने वाले कुछ ही महीनों में 4 और जज सेवानिवृत्त होने वाले हैं

गौर करने वाली बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट के जज बने न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा का मूल कैडर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट है। उन्हें 13 अक्टूबर 2021 को आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के लिए कोई रेप्रेज़ेंटेटिव नहीं हैं। जिसके चलते इस सिफारिश पर अंतिम मुहर लग सकी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने प्रशांत कुमार मिश्रा को 12 वर्ष से अधिक समय तक के लिए कानून और न्याय से जुड़े मुद्दों पर गहरी समझ रही है।