नई दिल्ली। उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को बुझाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बारिश या क्लाउड सीडिंग के भरोसे हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रहा जा सकता, इसके लिए सरकार को कारगर प्रयास करने होंगे। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दो साल पहले भी एनजीटी में हमने याचिका लगाई थी। सरकार ने अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में आना पड़ा।
STORY | Forest fires: 0.1 per cent wildlife cover was on fire, Uttarakhand tells SC
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VIDEO | “I filed an impleadment (in the Supreme Court), and that is how the matter has come up. Now, the court has taken serious note of it. The state of… pic.twitter.com/EbmyU776rN
— Press Trust of India (@PTI_News) May 8, 2024
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में जंगलों में आग काफी विकराल रूप ले चुकी है जो अब गढ़वाल की तरफ भी बढ़ रही है। आग को बुझाने की लिए सेना की मदद ली जा रही है। सेना के हेलीकाप्टरों द्वारा वनों में पानी की बौछार के जरिए आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। आपको बता दें कि वैज्ञानिक आसमान में कृत्रिम तरीके ससे बारिश कराते हैं उसे क्लाउड सीडिंग कहा जाता है। इसमें आसमान में एक तय ऊंचाई पर सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आइस और साधारण नमक को बादलों में छोड़ा जाता है, जिससे बारिश होती है, हालांकि इसके लिए जरूरी है कि आसमान में कम से कम 40 फीसदी वर्षा के बादल हों।
#WATCH | Dehradun: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says “Forest fire is being controlled and a lot of difference can be seen in the last 2-3 days. Since the Char Dham Yatra is going to begin soon, we are trying to bring the fire under control. Today, in the meeting we had… pic.twitter.com/5tW7YNKeur
— ANI (@ANI) May 8, 2024
वहीं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आज ही जंगलों में आग के संबंध में हाई लेवल मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग के बाद सीएम ने कहा कि जंगल की आग पर काबू पाया जा रहा है और पिछले 2-3 दिनों में काफी अंतर देखा जा सकता है। चूंकि चार धाम यात्रा जल्द ही शुरू होने वाली है, इसलिए हम आग पर काबू पाने की जल्द से जल्द कोशिश कर रहे हैं। आज बैठक में हमने चार धाम यात्रा पर चर्चा भी। मैं यात्रा के तीर्थयात्रियों से दिशानिर्देशों का पालन करने का अनुरोध करना चाहता हूं और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि चार धाम यात्रा स्वच्छ और हरित हो।