
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ एक्ट पर गुरुवार को दोपहर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के आग्रह पर 7 दिन में केंद्र को जवाब देने का निर्देश दिया। वक्फ एक्ट पर अगली सुनवाई 5 मई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि वो वक्फ एक्ट के खिलाफ दाखिल सिर्फ 5 याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा। इन याचिकाओं से 5 मुख्य बिंदु निकालने के लिए याचिकाकर्ताओं से सुप्रीम कोर्ट ने कहा। साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक वो वक्फ बोर्डों और वक्फ काउंसिल में गैर मुस्लिमों की नियुक्ति न करे। साथ ही ये भी कहा कि वक्फ बाइ यूजर और वक्फ बाइ डीड की संपत्तियों को डिनोटिफाई भी न किया जाए। कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि उसने पहले ही बताया है कि संशोधित वक्फ एक्ट में कुछ बातें सकारात्मक हैं। ऐसे में पूरे कानून पर स्टे नहीं दिया जा सकता। बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के वकील कपिल सिब्बल ने बुधवार को सुनवाई में वक्फ एक्ट पर स्टे लगाने की अपील की थी।
Petitions challenging validity of the Waqf (Amendment) Act, 2025 | Supreme Court takes on record the statement of Solicitor General that Centre will respond within seven days. SC says, Solicitor General assures the court that no appointments will be made to the Council and Board.… pic.twitter.com/268WDzhvIT
— ANI (@ANI) April 17, 2025
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार का जवाब आने तक यथास्थिति नहीं बदलेगी। चीफ जस्टिस ने ये भी कहा कि वक्फ एक्ट से संबंधित 110-120 फाइलों को पढ़ना संभव नहीं है। ऐसे में वक्फ एक्ट के खिलाफ मुख्य 5 बिंदु तय किए जाएं। सिर्फ 5 आपत्तियों पर ही सुप्रीम कोर्ट अब सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस ने याचिका देने वालों के वकीलों से कहा कि वे नोडल काउंसिल के जरिए इन 5 आपत्तियों को तय करें। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वक्फ एक्ट पर स्टे लगाने का आधार नहीं है। स्टे लगाना अनावश्यक सख्त कदम होगा। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कोर्ट के ऐसे आदेश का बहुत बड़ा प्रभाव होगा।

केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश होकर सॉलिसिटर जनरल ने ये भी कहा कि सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है। तुषार मेहता ने कहा कि सरकार को लाखों प्रतिनिधि मिले। गांव-गांव वक्फ में शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इतनी सारी जमीनों पर वक्फ होने का दावा किया जाता है। इसे कानून का हिस्सा माना जाता है। सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो कुछ दस्तावेजों के साथ प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय चाहते हैं। तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि वक्फ बोर्डों और वक्फ काउंसिल में नए एक्ट के तहत कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। उन्होंने कोर्ट से ये भी कहा कि ये ऐसा मामला नहीं, जिस पर इस तरह विचार किया जा सके।