
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 30 साल पुरानी पेंशन योजना का फायदा न देने के मामले में पंजाब सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को जोरदार फटकार लगाते हुए वहां के चीफ सेक्रेटरी केएपी सिन्हा को अवमानना नोटिस दिया है। सुप्रीम कोर्ट अब 24 मार्च को पेंशन मुद्दे पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि उसने पंजाब निजी तौर पर प्रबंधित संबद्ध और पंजाब सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कॉलेज पेंशन लाभ योजना 1996 को आदेश के बाद भी लागू नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार ने अदालत को पूरी तरह गुमराह किया है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई और कहा कि उसके एएजी ने कहा था कि योजना लागू की जाएगी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में लगातार ऐसी बात कहने के बावजूद पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी को अवमानना के तहत नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने कॉलेजों का मामला देखने वाले पंजाब सरकार के सार्वजनिक शिक्षा निदेशक को भी झूठा हलफनामा देने के मुद्दे पर नोटिस दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि वो पंजाब सरकार की इस दलील को नहीं मानती कि एएजी का बयान उसकी तरफ से नहीं दिया गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पाया था कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने साल 2002 के आदेश में कहा था कि राज्य सरकार की तरफ से एएजी ने बताया है कि पेंशन योजना को 15 जून 2002 तक लागू किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब राज्य सरकार इस मसले को कार्यपालिका पर डाल रही है और ये मान्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार अगर यही रवैया अपनाती है, तो कोर्ट को उनके कानूनी अफसरों का बयान मानने में दिक्कत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिर अदालतें हर बयान पर 6 हलफनामा मांगेंगी। कोर्ट ने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी से कहा कि वो अगली सुनवाई में वर्चुअली पेश होकर बताएं कि राज्य सरकार याचिकाकर्ताओं को पेंशन देने जा रही है या कोर्ट अवमानना की कार्यवाही को आगे बढ़ाए।