नई दिल्ली। तिरुपति के तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर के लड्डू प्रसादम में चर्बी और मछली के तेल वाला घी इस्तेमाल किए जाने के मामले में सोमवार यानी कल सुनवाई होनी है। लड्डू प्रसादम में मिलावट के आरोपों की जांच के लिए सुब्रहमण्यम स्वामी और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम यानी टीटीडी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वाईबी सुब्बा रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुब्रहमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर ये मांग की है कि लड्डू प्रसादम मामले में आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के आरोपों की जांच की जाए।
वहीं, टीटीडी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और सांसद वाईबी सुब्बा रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि लड्डू प्रसादम मामले में सुप्रीम कोर्ट के ही रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी बनाकर जांच हो। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई कर दोनों की याचिका पर फैसला लेगा। इसके अलावा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी आईसीएआर के सदस्य वेणुगोपाल बदरवाड़ा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को चिट्ठी लिखकर तिरुपति के लड्डू प्रसादम संबंधी उस रिपोर्ट की उच्चस्तरीय जांच की मांग की, जिसमें कहा गया है कि घी में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल पाया गया। बदरवाड़ा ने राष्ट्रपति को भेजी चिट्ठी में ये मांग भी की है कि देशभर के मंदिरों में बिलोना देसी गाय के घी का इस्तेमाल किया जाना जरूरी हो।
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि राज्य में वाईएस जगनमोहन रेड्डी की सरकार के दौरान टीटीडी ने ऐसा घी खरीदकर लड्डू प्रसादम बनवाया, जिसमें जानवरों की चर्बी और मछली का तेल था। इसके बाद से ही माहौल गर्माया हुआ है। हिंदू संत और साधु भी नाराज हैं। जबकि, आम लोग सोशल मीडिया पर धर्म भ्रष्ट हो जाने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, जगनमोहन रेड्डी का कहना है कि आरोप गलत और राजनीतिक द्वेष के कारण लगाए जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश सरकार ने लड्डू प्रसादम में मिलावट की जांच के लिए एसआईटी भी बनाई है। केंद्र सरकार ने भी कहा है कि वो घी की जांच कराएगी।