
नई दिल्ली। वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष सुनवाई हुई। हालांकि कोर्ट ने सुनवाई को 20 मई तक के लिए स्थगित कर दिया। जस्टिस गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अंतरिम राहत पर विचार करेगा, इस दौरान सभी पक्षों को गौर से सुना जाएगा। इसी के साथ बेंच ने केंद्र सरकार से कहा है कि जब तक मामला विचाराधीन है तब तक किसी वक्फ संपत्ति को डिनोटिफाई ना किया जाए और वक्फ काउंसिल या बोर्ड में नई नियुक्तियां भी ना हों।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे मगर अपने रिटायरमेंट के चलते उन्होंने इस मामले को नई बेंच के समक्ष भेज दिया था। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि इस केस में हर किसी की बात को सुनना होगा और वक्फ संशोधन कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर वो अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में किसी तरह का कोई आदेश सुरक्षित नहीं रखना चाहते। केंद्र ने वक्फ संपत्तियों के संबंध में जो बिंदु उठाए हैं और जो विवादित आंकड़े दिए हैं, उन पर विचार करने की आवश्यकता है।
Delhi: On the hearing of the Waqf Amendment Act in the Supreme Court, Advocate Barun Sinha says, “Today, the court has adjourned the entire matter to Tuesday. It was made very clear that the hearing on Tuesday will be on an interim order. Both parties have been given two hours… pic.twitter.com/QnuqnvPlP5
— IANS (@ians_india) May 15, 2025
वहीं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता बरुण सिन्हा ने बताया कि आज कोर्ट ने मामले को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया है। साथ ही यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया गया है कि मंगलवार को होने वाली सुनवाई अंतरिम आदेश पर होगी। दोनों पक्षों को अपनी दलीलें रखने के लिए दो-दो घंटे का समय दिया गया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने जवाबी हलफनामे में कहा था कि वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में दायर सभी याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए। बता दें कि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वक्फ संशोधन कानून के जरिए सरकार उनके अधिकारों का हनन कर रही है।