नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा अग्निकांड मामले में दोषी करार दिए जा चुके आठ अभियुक्तों को जमानत दे दी। हालांकि, सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने जघन्य आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जा चुके इन आरोपियों की जमानत का विरोध किया और कहा था कि ये सभी वीभत्स आपराधिक घटनाओं में दोषी करार दिए जा चुके हैं। ऐसे में इन्हें जमानत देना उचित नहीं रहेगा। वहीं आरोपियों के वकील ने कहा कि सभी आरोपी पिछले 17-18 सालों से जेल में बंद हैं, तो ऐसे में इन्हें जमानत दे देना चाहिए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 13 दोषियों की याचिकाओं पर विचार किया था, जिसमें से कई दोषी करार दिए जा चुके आरोपियों को जमानत देने से साफ इनकार कर दिया गया। ध्यान रहे कि इन सभी आरोपियों को गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। गौरतलब है कि इससे पहले गुजरात दंगे से जुड़े नरोदा हिंसा मामले में पूर्व मंत्री कोडनानी सहित 67 आरोपियों की बरी किया जा चुका है। इस मामले में 11 आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है।
SC grants bail to 8 convicts in Godhara train coach-burning case
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— ANI Digital (@ani_digital) April 21, 2023
27 फरवरी 2002 को अयोध्या से लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे में पेट्रोल डालकर गुजरात के गोधरा में कई लोगों को जिंदा जला दिया गया था। उधर, गोधरा कांड में बरी किए दोषियों पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डिवाई चंद्रचूड, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि सभी याचिकाओं से निपटने के लिए एक अंतर की जरूरत है। वहीं, जिन लोगों की जमानत याचिकाओं को खारिज किया गया, उस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि इन लोगों को पहले ही मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।