नई दिल्ली। जी-20 की बैठक से पहले दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशनों के बाहर खालिस्तानी नारे लिखने के मामले में दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी से कुछ संदिग्धों की पहचान की है। एक सीसीटीवी फुटेज में 2 संदिग्ध मेट्रो स्टेशन के बाहर खड़े दिखे हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस ने तमाम टीम लगाई हैं। इसके अलावा खालिस्तानी नारे लिखने के आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश केंद्र सरकार की एजेंसियां भी करने की कोशिश में जुटी हैं। आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने वीडियो जारी कर नारे लिखवाने की जिम्मेदारी ली थी। देर रात मेट्रो स्टेशनों के बाहर भारत विरोधी खालिस्तानी नारे लिखे गए थे।
इससे पहले एसएफजे ने कनाडा और ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के अफसरों का पता बताने वालों को 10000 डॉलर देने वाले पोस्टर जारी किए थे। इनमें भारतीय उच्चायुक्तों और उनके डिप्टी की तस्वीरें लगी थीं। कनाडा और ब्रिटेन में इस साल खालिस्तानी तत्वों ने भारतीय उच्चायोगों पर प्रदर्शन किया था। लंदन में तो भारतीय उच्चायोग से तिरंगा तक उतारने की कोशिश खालिस्तानी समर्थकों ने की थी। इन मामलों की जांच केंद्र सरकार ने एनआई को सौंपी है। एनआईए की टीम 5 सितंबर को जांच के लिए कनाडा भी जाने वाली है।
एसएफजे का चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू आए दिन वीडियो जारी कर भारत को धमकी देता रहता है। पन्नू को गिरफ्तार करने के लिए भारत ने कई बार कनाडा से कहा, लेकिन कनाडा की सरकार हमेशा कहती है कि अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक नहीं लगाई जा सकती। इसी वजह से वहां खालिस्तानी तत्वों के हौसले बुलंद हैं। यहां तक कि खालिस्तानी तत्वों ने इंदिरा गांधी की हत्या को महिमामंडित करने वाली झांकी भी कनाडा के सर्रे शहर में निकाली थी। इस पर भी कनाडा सरकार ने खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कोई भी कदम नहीं उठाया था।