
नई दिल्ली। बीएसपी से बीजेपी में आए और फिर 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी (सपा) में जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को उनकी बेटी और बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने बिना नाम लिए नसीहत दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य ने रामचरितमानस के मसले पर अपने पिता और विवाद खड़ा करने वाले अन्य लोगों को एक इंटरव्यू में नसीहत दी। संघमित्रा मौर्य ने कहा है कि आस्था को ठेस पहुंचाने का अधिकार किसी को भी नहीं है। संघमित्रा मौर्य 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर यूपी की बदायूं सीट से जीतकर संसद पहुंची थीं। उस वक्त उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी की योगी सरकार में मंत्री थे।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते करीब एक साल से लगातार रामचरितमानस के बारे में अनाप शनाप बयान देकर विवाद पैदा किया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की चौपाइयों को दलित और पिछड़ों के साथ महिला विरोधी बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। स्वामी प्रसाद मौर्य की बयानबाजी के बाद पिछड़े वर्ग के एक संगठन ने लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियों को जलाया भी था। इससे हिंदू समुदाय बहुत नाराज हुआ। स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज कराए गए थे। फिर भी स्वामी प्रसाद ने माफी नहीं मांगी। सुनिए अब स्वामी प्रसाद मौर्य की सांसद बेटी संघमित्रा मौर्य ने क्या नसीहत दी है।
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“आस्था को ठेस पहुँचाने का अधिकार किसी को नहीं”
रामचरितमानस विवाद पर बोलीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या की सांसद बेटी संघमित्रा मौर्या pic.twitter.com/0hmqPgklgA— abhishek upadhyay (@upadhyayabhii) August 19, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी का महासचिव बनाया है। रामचरितमानस विवाद पर जब लोगों ने अखिलेश से स्वामी प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, तो उन्होंने चुप्पी साध ली थी। इस मसले पर अखिलेश यादव भी सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आए थे, लेकिन सपा अध्यक्ष ने एक बार भी रामचरितमानस के बारे में विवादित बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की। इससे उनकी सपा के भी कई नेता नाराज हुए थे। सपा की प्रवक्ता रहीं रोली तिवारी मिश्रा ने तो बाद में पार्टी तक छोड़ दी।