
नई दिल्ली। श्रीरामचरितमानस विवाद में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं। पहले अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने नेता पर हमला बोलते हुए मौर्य का सिर तन से जुदा करने वाले शख्स को 21 लाख का ईनाम देने की घोषणा की, अब लखनऊ पुलिस ने स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों पर विवादित बयान देने को लेकर केस दर्ज कर लिया है। एफआईआर लखनऊ के पीजीआई थाने में दर्ज कराई गई है।
10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए एसएचओ राजेश राणा ने बताया कि शिकायत बीजेपी के सदस्य की तरफ से दर्ज कराई गई है जिनका नाम सतनाम सिंह लवी है। मामला श्रीरामचरितमानस के पन्ने जलाने और समाज में सांप्रदायिक तनाव को भड़काने का है। स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा महेंद्र प्रताप यादव,संतोष वर्मा, यशपाल सिंह लोधी, एसएस यादव,सलीम, देवेंद्र यादव और सुजीत पर भी केस दर्ज किया गया है। सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 295 ए, 505 और 298 और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत केस दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला
बीते दिनों पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में ओबीसी महासभा ने नारेबाजी की थी और रामचरित मानस की प्रतियां को नुकसान पहुंचाने का काम किया था। उन्होंने रामचरित मानस की प्रतियां को फाड़ा और जलाया था। ओबीसी महासभा के सदस्यों का कहना था कि रामचरित मानस में कुछ ऐसी चौपाइयां लिखी हैं जो आपत्तिजनक है। चौपाईयों में शुद्रों को लेकर अपमानजनक बातें लिखी हैं। प्रतियां जलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और देखते ही देखते विवाद ने राजनीतिक रूप ले लिया। मामले में हिंदू संत मौर्य का सिर तन से जुदा करने वालों को इनाम तक देने की घोषणा कर चुके हैं।