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2000 Rupees Notes: 2000 के नोटों को चलन से बाहर करने से आम लोगों पर असर नहीं, लेकिन इन लोगों की वाट लगनी तय!

अब रिजर्व बैंक ने 2000 के नोटों को बदलने के लिए लंबी समयसीमा तय की है। आम लोग आसानी से बैंकों में जाकर या अपने खातों में जमा करके 2000 के नोटों की जगह दूसरे नोट ले सकते हैं। वहीं, इन नोटों को चलन से बाहर करने पर कुछ लोगों को वाट लगनी यानी मुश्किल होनी तय है। हम आपको पूरी जानकारी दे रहे हैं।

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने 2000 के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला किया है। ये नोट अभी लीगल टेंडर यानी वैध हैं। रिजर्व बैंक ने सभी से कहा है कि वो इन नोटों को बदलवा लें। इसके लिए रिजर्व बैंक ने तारीख भी तय कर दी है। रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा है कि वो अब किसी को भी अपने काउंटर या एटीएम से 2000 के नोट न दें। क्लीन मनी यानी नकली करेंसी को चलन से बाहर करने का हवाला देकर रिजर्व बैंक ने 2000 के नोटों का चलन बंद करने का एलान किया है। साल 2016 में जब नोटबंदी हुई थी, तो एक ही झटके में 1000 और 500 के नोट बंद हुए थे। तब बैंकों के बाहर लोगों की लंबी कतारें इन नोटों को बदलने के लिए लगी थीं। ऐसे में अब रिजर्व बैंक ने 2000 के नोटों को बदलने के लिए लंबी समयसीमा तय की है। वहीं, इन नोटों को चलन से बाहर करने पर कुछ लोगों को वाट लगनी यानी मुश्किल होनी तय है।

2000 note

आपके पास भी अगर 2000 के नोट हैं, तो परेशान मत होइए। आप आराम से इन नोटों को बैंक से बदलवा सकते हैं। अगर आपका बैंक खाता नहीं है, तो आप हर दिन 2000 के 10 नोट यानी 20000 रुपए किसी भी बैंक में देकर उनके बदले दूसरे नोट हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा बैंक खाता होने पर आप कितनी भी संख्या में 2000 के नोट उसमें जमा करा सकते हैं। बैंक में 2000 के नोट बदलने के लिए आपको 23 मई का इंतजार करना होगा। उस तारीख से आप बैंक में खाता न होने पर 2000 के नोट बदलवा सकेंगे। अगर खाता है, तो आप सोमवार को भी ये नोट उसमें जमा करा सकते हैं। नोटों को बदलने का काम इस साल 30 सितंबर तक किया जाएगा।

hoards of cash
कोलकाता में एक छापे में मिलीं 2000 के नोटों की गड्डियां।

2000 के नोटों को चलन से बाहर करने से काफी काला धन बाहर आने का अनुमान है। अब तक ज्यादातर जगह इनकम टैक्स या ईडी के छापों में 2000 के ही नोट मिलते रहे हैं। यानी भ्रष्टाचार पर ये एक तरह की सर्जिकल स्ट्राइक है। इसके अलावा इस साल होने वाले विधानसभा और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में वोट हासिल करने के लिए नकदी खपाने वालों पर भी रिजर्व बैंक का ये कदम बड़े हथौड़े की तरह है।