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West Bengal: कोलकाता में भाजपा के रोड शो में ‘तांडव’, टीएमसी कार्यकर्ताओं ने किया पथराव

West Bengal:कोलकाता में हो रहे भाजपा (BJP) के रोड शो में अचानक ही बवाल मच गया। यहां भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इसमें केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और TMC छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी भी शामिल थे। वहीं इस रोड शो में पहले टीएमसी और भाजपा के कार्यकर्ता के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हुई और देखते ही देखते यह बवाल पत्थरबाजी में तब्दील हो गया। कोलकाता की सड़कों पर दोनों दलों के कार्यकर्ता एक दूसरों पर पत्थरबाजी करने लगे।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले ही सभी सियासी दल अपने ताकत बढ़ाने में जुट गए हैं। पार्टियों के नेताओं का पाला बदलना और दूसरी पार्टी का दामन थामना लगातार जारी है। ममता बनर्जी के सबसे करीबी शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा का दामन थाम लिया। शुभेंदु अधिकारी का नंदीग्राम में दबदवा किसी से छूपा नहीं है और इसे ममता भी अच्छी तरह से जानती हैं क्योंकि इसी नंदीग्राम के आंदोलन ने ममता को पश्चिम बंगाल में सियासत के शिखर पर ला दिया और वह सीएम की कुर्सी तक पहुंच गईं। लेकिन नंदीग्राम में शुभेंदु के जाने के बाद अपनी सियासी जमीन कमजोर होता देख ममता ने अब दो जगहों से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इसमें से एक सीट भवानीपुर है जहां से वह जीत हासिल करती रही हैं और आज उन्होंने नंदीग्राम सीट से भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।

Subhendu Adhikari

सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि ममता को लगने लगा है कि प्रदेश में उनकी सियासी जमीन कमजोर हो गई है। इसलिए वह दो सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि ममता के नंदीग्राम से चुनाव लड़ने से शुभेंदु के जाने की कमी को पार्टी ऐसे में पूरा करना चाहती है। इस सब के बीच ममता आज नंदीग्राम पहुंची तो वहीं दूसरी तरफ आज भाजपा के नेता कोलकाता में रोड शो कर रहे थे। कोलकाता में हो रहे भाजपा के रोड शो में अचानक ही बवाल मच गया। यहां भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इसमें केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और TMC छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी भी शामिल थे। वहीं इस रोड शो में पहले टीएमसी और भाजपा के कार्यकर्ता के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हुई और देखते ही देखते यह बवाल पत्थरबाजी में तब्दील हो गया। कोलकाता की सड़कों पर दोनों दलों के कार्यकर्ता एक दूसरों पर पत्थरबाजी करने लगे।


इस पत्थरबाजी के बाद भाजपा के नेताओं ने आरोप लगाया की उनके रोड शो में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उत्पात मचाया। इसके बाद दोनों पार्टी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। वहीं यहां टीएमसी की महिला विंग की कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेताओं को काले झंडे भी दिखाए। इससे पहले 10 दिसंबर को पश्चिम बंगाल दौरे पर गए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर भी टीएमसी के समर्थकों ने पथराव किया था। इस पथराव में भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय समेत पार्टी के कुछ नेता घायल हो गए थे।


आपको बता दें कि 19 दिसंबर को शुभेंदु अधिकारी के साथ सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 विधायकों ने अमित शाह के सामने भाजपा का दामन थाम लिया था। इनमें से 5 विधायक टीएमसी के ही थे। शुभेंदु और इन नेताओं के भाजपा में शामिल होने से पहले तापसी मंडल, अशोक डिंडा, सुदीप मुखर्जी, सैकत पांजा, शीलभद्र दत्ता, दिपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा, श्यांपदा मुखर्जी, बिस्वजीत कुंडू और बनश्री माइती ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था।