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Bihar: बिहार में नीतीश और आरजेडी के रिश्ते में पड़ी दरार! अहम बैठक से तेजस्वी और 2 मंत्रियों के नदारद होने से चर्चा तेज

पिछले दिनों आरजेडी कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस के बारे में विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है। अपने इस बयान पर चंद्रशेखर टिके हुए हैं। वहीं, तेजस्वी यादव ने मीडिया से कहा था कि सबसे बड़ा ग्रंथ तो संविधान है। रामचरितमानस के मुद्दे पर नीतीश की पार्टी जेडीयू के नेताओं ने विरोध भी जताया था।

पटना। बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में गांठ पड़ती नजर आ रही है। इसकी वजह सोमवार को हुई एक अहम बैठक है। ये बैठक सीएम नीतीश कुमार ने बुलाई थी। बैठक में जिस मुद्दे पर चर्चा होनी थी, उसमें आरजेडी के कोटे से सरकार में शामिल दो मंत्रियों को भी शामिल होना था। दोनों मंत्रियों को नीतीश ने इस बैठक में नहीं बुलाया। वहीं, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी बैठक में नहीं दिखे। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश और आरजेडी के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। बता दें कि पिछले काफी समय से ये चर्चा तेज है कि नीतीश की आरजेडी से पटरी नहीं बैठ रही है और कभी भी बिहार में सरकार गिर सकती है।

nitish kumar

अब आपको बताते हैं कि वो कौन से बैठक थी, जिसमें नीतीश कुमार ने आरजेडी के संबंधित मंत्रियों को नहीं बुलाया। मीडिया की खबरों के मुताबिक नीतीश ने सोमवार को धान खरीद के मुद्दे पर समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी। बैठक में कृषि विभाग देखने वाले मंत्री सर्वजीत और सहकारिता विभाग के मंत्री सुरेंद्र यादव को नीतीश की ओर से शामिल होने को नहीं कहा गया। इन दोनों मंत्रियों के विभाग के प्रधान सचिव एन. सरवन और वंदना प्रेयसी को जरूर बैठक में बुलाया गया था। दोनों मंत्रियों के अलावा इस अहम बैठक में तेजस्वी यादव के भी शामिल न होने की वजह से नीतीश और आरजेडी के बीच तनातनी की चर्चा ने और जोर पकड़ा है।

Chandrashekhar
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर। जिन्होंने रामचरितमानस के बारे में विवादित बयान दिया था।

बता दें कि पिछले दिनों आरजेडी कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस के बारे में विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है। अपने इस बयान पर चंद्रशेखर टिके हुए हैं। वहीं, तेजस्वी यादव ने मीडिया से कहा था कि सबसे बड़ा ग्रंथ तो संविधान है। रामचरितमानस के मुद्दे पर नीतीश की पार्टी जेडीयू के नेताओं ने विरोध भी जताया था। उपेंद्र कुशवाहा समेत कई नेताओं ने कहा था कि चंद्रशेखर का ऐसा बयान बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाला है। चंद्रशेखर पर कार्रवाई की मांग भी जेडीयू के नेताओं ने की थी, लेकिन अब तक तेजस्वी ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया। बल्कि, चंद्रशेखर का एक तरह से समर्थन कर दिया है।