नई दिल्ली। कभी-कभी राजनेता बयान देने में इतने मशगूल हो जाते हैं कि इतनी अभद्र टिप्पणी कर जाते हैं कि उन्हें खुद को बोध नहीं रहता है कि वो क्या बोल जा रहे हैं, फिर जब उनकी क्लास लगती है, तो उन्हें बोध होता है कि उन्होंने कितनी बड़ी बेहुदगी दिखा दी है। कुछ इसी तरह का बयान अभी राजद नेता तेजस्वी यादव ने एनडीए से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मूर्मु के संदर्भ में दे दिया था। दरअसल, उनसे मीडियाकर्मियों द्वारा पूछा गया था कि हम राष्ट्रपति भवन में मूर्ति नहीं चाहते। किसी ने कभी उन्हें (द्रौपदी मुर्मू) कुछ बोलते सुना है? आपको बता दें कि तेजस्वी यादव ने विपक्ष के राष्ट्रपदि पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन करने का ऐलान किया है।
उधर, बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्य़क्ष संजय जायसवाल ने कहा कि, ‘एक आदिवासी महिला जो सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार जीत चुकी हो वह @yadavtejashwi जी को मूर्ति नजर आती है और अपने घर की महिला जिसे शपथ ग्रहण कराने के लिए किसी और को शब्द पढ़ना पड़े तो वह विद्वान!! अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्वान राष्ट्रपति भी बन जाए तो भी उनका अपमान। जायसवाल ने कहा कि ओडिशा विधानसभा की सदस्य के रूप में खुद को साबित कर चुकी हैं।
एक आदिवासी महिला जो सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार जीत चुकी हो वह @yadavtejashwi जी को मूर्ति नजर आती है और अपने घर की महिला जिसे शपथ ग्रहण कराने के लिए किसी और को शब्द पढ़ना पड़े तो वह विद्वान!!
अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्वान राष्ट्रपति भी बन जाए तो भी उनका अपमान। pic.twitter.com/yoqIuEASjI— Dr. Sanjay Jaiswal (@sanjayjaiswalMP) July 17, 2022
आपको बता दें कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी ने जहां द्रौपदी मूर्मु के नाम का ऐलान किया है , तो वहीं विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा के नाम का ऐलान किया गया है। अब ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति चुनाव में कौन किसको पटखनी देने में सफल रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। उधर, राष्ट्रपति के साथ-साथ उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए भी उम्मीदवारों का ऐलान किया जा चुका है। बता दें कि एनडीए की तरफ से जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं विपक्ष की तरफ से मारग्रेटा आल्वा को चुनावी मैदान में उतारा गया है। अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों कौन किसको पटखनी देते हुए महामहिम की कुर्सी पर विराजमान होने में सफल रहता है।