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Ajit Doval: ‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन’..मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव के सामने NSA अजित डोभाल ने कही ये बात

Ajit Doval: भारत में प्रत्येक व्यक्ति समान अधिकारों का हकदार है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कोई संयोग नहीं है कि लगभग 20 करोड़ मुस्लिम होने के बावजूद, वैश्विक आतंकवाद में भारतीय नागरिकों की भागीदारी में काफी कमी आई है। यह आतंकवाद से निपटने के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने मंगलवार (11 जुलाई) को मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव और सऊदी अरब के पूर्व न्याय मंत्री डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा के साथ बैठक की। बैठक के दौरान डोभाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत आतंकवाद से काफी प्रभावित हुआ है। इस बैठक के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा, “भारत कई दशकों से आतंकवाद से त्रस्त रहा है। देश ने 2008 के मुंबई हमलों सहित कई आतंकवादी हमलों का सामना किया है। भारत अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और विभिन्न माध्यमों से आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करने के लिए सक्रिय रूप से काम करता रहा है।

आपको बता दें कि डोभाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत में किसी भी धर्म को कोई खतरा नहीं है, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और भारत सभी मुद्दों का समाधान खोजने के लिए सहिष्णुता, बातचीत और सहयोग को बढ़ावा देता है। भारत में प्रत्येक व्यक्ति समान अधिकारों का हकदार है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कोई संयोग नहीं है कि लगभग 20 करोड़ मुस्लिम होने के बावजूद, वैश्विक आतंकवाद में भारतीय नागरिकों की भागीदारी में काफी कमी आई है। यह आतंकवाद से निपटने के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एनएसए अजीत डोभाल और डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा के बीच बैठक आतंकवाद से निपटने और वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को दर्शाती है। दुनिया भर के देशों के लिए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना, खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान करना और सुरक्षा उपायों को मजबूत करना जरूरी है। साथ मिलकर काम करके, देश इस खतरे का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकते हैं और अपने नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित कर सकते हैं।