
नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने मंगलवार (11 जुलाई) को मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव और सऊदी अरब के पूर्व न्याय मंत्री डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा के साथ बैठक की। बैठक के दौरान डोभाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत आतंकवाद से काफी प्रभावित हुआ है। इस बैठक के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा, “भारत कई दशकों से आतंकवाद से त्रस्त रहा है। देश ने 2008 के मुंबई हमलों सहित कई आतंकवादी हमलों का सामना किया है। भारत अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और विभिन्न माध्यमों से आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करने के लिए सक्रिय रूप से काम करता रहा है।
#WATCH | NSA Ajit Doval says, “…India has been a victim of terrorism for many decades. The country has faced numerous terrorist attacks including the 2008 (Mumbai attack). India has been actively working to combat terrorism through various means including strengthening its… pic.twitter.com/55beuie4SI
— ANI (@ANI) July 11, 2023
आपको बता दें कि डोभाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत में किसी भी धर्म को कोई खतरा नहीं है, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और भारत सभी मुद्दों का समाधान खोजने के लिए सहिष्णुता, बातचीत और सहयोग को बढ़ावा देता है। भारत में प्रत्येक व्यक्ति समान अधिकारों का हकदार है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कोई संयोग नहीं है कि लगभग 20 करोड़ मुस्लिम होने के बावजूद, वैश्विक आतंकवाद में भारतीय नागरिकों की भागीदारी में काफी कमी आई है। यह आतंकवाद से निपटने के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
NSA Ajit Doval says, “…Muslim World League Secretary General’s message is loud and clear that we live in harmony, we live in peace if you would like to protect the future of humanity…Excellency your deep understanding of Islam, the religions of the world and incessant efforts… pic.twitter.com/3mQx3M6iM5
— ANI (@ANI) July 11, 2023
एनएसए अजीत डोभाल और डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा के बीच बैठक आतंकवाद से निपटने और वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को दर्शाती है। दुनिया भर के देशों के लिए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना, खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान करना और सुरक्षा उपायों को मजबूत करना जरूरी है। साथ मिलकर काम करके, देश इस खतरे का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकते हैं और अपने नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित कर सकते हैं।