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Batla House Encounter: बाटला एनकाउंटर में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा पर गोली चलाने वाले आतंकी शहजाद का निधन, लंबे समय से था बीमार

वहीं, 19 सितंबर 2008 की उस तारीख को याद कर आज भी रूह कांप जाती है, जब दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिदीन के कुछ आतंकी बाटला हाउस में छुपे हैं। सूचना पाकर मौके पर इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा अपनी टीम के साथ पहुंचे और आतंकियों को घेरने में कामयाब हुए।

नई दिल्ली। लंबे समय से बीमार चल रहा बाटला एनकाउंटर में शामिल आतंकी शहजाद अहमद का एम्स में निधन हो गया। बीते दिनों शहजाद को कई अस्पतालों में रेफर किया गया था। लेकिन कोई सुधार नहीं आने पर बाद में उसे दिल्ली स्थित एम्स में रेफर किया गया था। लेकिन यहां भी हालत में कोई सुधार नहीं आया। जिसकी वजह से शनिवार सुबह उसकी मौत हो गई। बता दें कि शहजाद बाटला एनकाउंटर मामले में तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा था।

शहजाद आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन में शामिल था। साल 2013 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर बताया था। वहीं, शहजाद के साथी आतिफ आमीन और मोहम्मद साजिद एनकाउंटर के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गए थे। वहीं, एक आरोपी को मौके से ही पकड़ लिया गया था। इस एनकाउंटर में पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

बता दें कि इस एनकाउंटर के दौरान आतंकी शहजाद ने पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा पर गोली भी चलाई थी। इसी मामले में कोर्ट ने उसे दोषी भी ठहराया था। ध्यान रहे कि इस एनकाउंटर में शामिल एक अन्य आतंकवादी आरिज भागने में कामयाब हो चुका था, लेकिन बाद में उसे नेपाल से गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद कोर्ट ने आरिज के परिवारवालों से नुकसान की भरपाई का भी आदेश दिया था। ध्यान रहे कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज खान दिल्ली, जयपुर, यूपी की अदालतों में हुए धमाके का साजिशकर्ता था। इस धमाके से 165 लोगों की जान गई थी। वहीं 535 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

वहीं, 19 सितंबर 2008 की उस तारीख को याद कर आज भी रूह कांप जाती है, जब दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिदीन के कुछ आतंकी बाटला हाउस में छुपे हैं। सूचना पाकर मौके पर इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा अपनी टीम के साथ पहुंचे और आतंकियों को घेरने में कामयाब हुए। लेकिन आतंकियों की टोली में शामिल शहजाद ने उन पर गोली चला दी थी, जबकि दो आतंकी पुलिस की गोलियों का शिकार होने के बाद मौके पर ही ढेर हो गए थे।