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Kandhar Plane Hijack: 24 दिसंबर की वो काली रात, जब भारतीय प्लेन को हाइजैक कर 176 पैसेंजर को बनाया था बंदी

Kandhar Plane Hijack: दरअसलस 24 दिसंबर 1999 की शाम को भारतीय विमान को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था, यह विमान जो काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नई दिल्ली तक का सफर तय कर रही थी।

नई दिल्ली। सिर्फ 7 दिन बचे हैं और हम साल 2023 में प्रवेश कर जाएंगे। हालांकि, अगर आज से ठीक 23 साल पहले आज ही के दिन की बात करें तो इस दिन को याद करके भी लोग कांप उठते हैं। यह खौफनाक मंजर लोगों को भूला नहीं जाता हैं, यह बात 24 दिसंबर 1999 की हैं जब एयरलाइंस के विमान आईसी 814 के अचानक गायब होने की खबर आई थी। इसके बाद आठ दिन तक उस विमान  और विमान में सवार लोगों ने जिस पीड़ा को झेला उसको याद करके आज भी लोगों की रूह कांप जाती हैं। दरअसलस 24 दिसंबर 1999 की शाम को भारतीय विमान को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था, यह विमान जो काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नई दिल्ली तक का सफर तय कर रही थी।

भारतीय प्लेन हुआ हाइजैक

इस फ्लाइट में कुल 176 पैसेंजर थे और 15 कुल क्रू सदस्य भी थे। इस घटना में हरकत उल मुजाहिद्दीन के आतंकियों का हाथ था। इन आतंकियों ने इस घटना को तब अंजाम दिया जब पूरा देश क्रिस्मस मनाने में डूबा हुआ था और हर किसी की तरह भारतीय भी क्रिस्मस में झूम रहे थे लेकिन इनकी खुशियों को ग्रहण तब लगा जब इस खबर की गूंज हर भारतीय के कान में पड़ी। उनका जश्न पूरा गुस्से में बदल गया जब उन्हें आतंकियों के इस हरकत के बारे में पता चला। उस वक्त हर भारतीय उस विमान के सारे यात्रियों के सही सलामत घर पहुंचने की दुआ कर रहे थे।

24 दिसंबर की वो काली रात

वहीं 24 दिसंबर को शाम के वक्त यात्रियों के रूप में बैठे आतंकियों ने हथियार के बल पर प्लेन को हाईजैक किया। और इस प्लेन को पहले पाकिस्तान ले गए उसके बाद फिर कंधार एयरपोर्ट पर उतारा। इस वक्त इस घटना से पूरी दुनिया वाकिफ हो चुकी थी। इसके बाद आतंकवादी इस प्लेन को दुबई लेकर गए और उन्होंने 27 यात्री जिसमें कुछ महिलाएं और कुछ बच्चे शामिल थे उन्हें उतारा गया। इसके बाद आतंकवादियों ने भारत सरकार से 36 आतंकी साथी को छोड़ने की मांग और 20 करोंड़ अमेरिकी डॉलर की फिरौती भी मांगी। इस वक्त अटल बिहारी बाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे, और जसवंत सिंह विदेश मंत्री के रूप में कार्यरत थे, जिसके बाद जसवंत सिन्हा खुद भारत के जेलों में बंद अहमद जरगर,अहमद उमर सईद, मौलाना मसूद अजहर इन आतंकवादियों को जेल से बाहर निकाल कर कंधार लेकर गए थे। जिसके बाद 31 दिसंबर को सरकार और आतंकवादियों के बीच समझौते के बाद सभी 155 बंधकों को छोड़ दिया गया था।