
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर रात एक अध्यादेश जारी कर दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) को फिर प्रशासन का बॉस बना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को अपने एक फैसले में कहा था कि दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार राज्य सरकार को है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि मंत्रीपरिषद की राय पर ही लेफ्टिनेंट गवर्नर काम करेंगे। इसके बाद अरविंद केजरीवाल की सरकार ने कई अफसरों के ट्रांसफर की फाइल लेफ्टिनेंट गवर्नर को भेजी थी। इस पर लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने कोई फैसला नहीं किया था। जिसके बाद शुक्रवार को सीएम अरविंद केजरीवाल और उनके तमाम मंत्री लेफ्टिनेंट गवर्नर से मिलने गए थे। रात को अध्यादेश जारी कर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया। अब संसद सत्र में इसे पास कराकर संविधान संशोधन करना होगा।
An ordinance has been passed by the Centre to constitute ‘National Capital Civil Services Authority’ in Delhi. This comprises of Delhi CM, Chief Secy and Home Secy of Delhi Govt. They will now decide on the transfer and posting of Group ‘A’ officers and DANICS officers serving in… https://t.co/AXDHP9aBtZ pic.twitter.com/V7yoOmNHoo
— ANI (@ANI) May 19, 2023
केंद्र के अध्यादेश के मुताबिक दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है। यहां की सरकार राष्ट्रपति के अधीन है। यहां विदेशी दूतावास और उच्चायोग भी हैं। ऐसे में सबकी नजर राजधानी और यहां की सियासी गतिविधि पर रहती है। अध्यादेश में कहा गया है कि अब आईएएस और दानिक्स अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सर्विस अथॉरिटी बनाई जा रही है। इसके अध्यक्ष दिल्ली के सीएम होंगे। साथ ही दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और गृह सचिव सदस्य होंगे। कमेटी ही आईएएस और दानिक्स अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर फैसला करेगी। हालांकि, किसी विवाद में लेफ्टिनेंट गवर्नर का फैसला ही मान्य होगा। इस अध्यादेश के जारी होने के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने वीडियो जारी कर जमकर मोदी सरकार पर निशाना भी साधा। उन्होंने क्या कहा, ये सुनिए।
संविधान की हत्यारी BJP‼️
केंद्र सरकार जो Ordinance लाई है, ये Supreme Court की संवैधानिक पीठ की अवमानना है।
Modi सरकार, केजरीवाल सरकार को power देने के डर से ये अध्यादेश लाई है।@ArvindKejriwal जी को दिल्ली की जनता ने चुना हो, 90% से ज्यादा सीट दी हो
लेकिन दिल्ली केजरीवाल… pic.twitter.com/DzXCOaYgGr
— AAP (@AamAadmiParty) May 19, 2023
केंद्र की तरफ से अध्यादेश जारी होने के बाद अब आम आदमी पार्टी की सरकार के पास अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर अधिकार नहीं बचा है। इस अध्यादेश को हालांकि सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है, लेकिन आम तौर पर सुप्रीम कोर्ट कार्यपालिका के कदम पर हस्तक्षेप नहीं करता। अब आम आदमी पार्टी को इस अध्यादेश को पास न होने देने के लिए विपक्षी दलों से बात करनी होगी और संसद में इसे कानून बनने से रोकना होगा। तभी सुप्रीम कोर्ट से अधिकार पर दिया गया फैसला वापस लागू हो सकता है। ऐसे में फिलहाल लेफ्टिनेंट गवर्नर दिल्ली के बॉस हो गए हैं और दिल्ली सरकार के हाथ आया अधिकार छिन गया है।