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BBC Documentary : बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर लगे बैन को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार, देखिए क्या है तारीख?

BBC Documentary : उन्होंने कहा, शीर्ष अदालत को यह तय करना है कि अनुच्छेद 19(1)(2) के तहत नागरिकों को 2002 के गुजरात दंगों पर समाचार, तथ्य और रिपोर्ट देखने का अधिकार है या नहीं।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को लेकर देशभर में राजनीतिक गहमागहमी तेज है। 2002 के गुजरात दंगों पर BBC की डॉक्यूमेंट्री पर सरकार की तरफ से लगाई गई रोक का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इसको लेकर दाखिल एक याचिका में रोक हटाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई का अनुरोध किया। इस पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अगले सोमवार यानी 6 फरवरी को सुनवाई का आदेश दिया।

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आपको बता दें कि इस दौरान कोर्ट में मौजूद वरिष्ठ वकील सी यू सिंह ने इसी मसले पर दाखिल एक और याचिका का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यह याचिका डॉक्यूमेंट्री के बारे में किए गए एन राम और प्रशांत भूषण जैसे लोगों के ट्वीट हटाए जाने के खिलाफ दाखिल की गई है। उसमें यह भी बताया गया है कि सरकार के दबाव में अजमेर समेत कुछ जगहों पर छात्रों को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए कॉलेज से निलंबित किया गया गया है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि वह भी 6 फरवरी को वह अपना पक्ष सामने रखें।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील मनोहर लाल शर्मा की याचिका में कोर्ट से यह अनुरोध किया गया है कि वह डॉक्यूमेंट्री के दोनों भाग अपने पास मंगा कर उन्हें देखें। इस आधार पर उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो, जिनकी 2002 के गुजरात दंगों में भूमिका रही है। शर्मा ने यह भी कहा कि डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन की कोशिश कर रहे लोगों पर देश भर में पुलिस के ज़रिए दबाव बनाया जा रहा है। वकील ने जनहित याचिका में एक संवैधानिक सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, शीर्ष अदालत को यह तय करना है कि अनुच्छेद 19(1)(2) के तहत नागरिकों को 2002 के गुजरात दंगों पर समाचार, तथ्य और रिपोर्ट देखने का अधिकार है या नहीं। वकील मनोहर लाल शर्मा की याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह अनुरोध किया गया है कि वह डॉक्यूमेंट्री के दोनों भाग अपने पास मंगा कर उन्हें देखें। इस आधार पर उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो, जिनकी 2002 के गुजरात दंगों में भूमिका रही है। शर्मा ने यह भी कहा कि डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन की कोशिश कर रहे लोगों पर देश भर में पुलिस के ज़रिए दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।