
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर में चल रहा निर्माण कार्य 5 जून तक पूरा हो जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 5 जून के एक या दो दिन बाद से ही श्रद्धालुओं को श्री राम मंदिर परिसर में स्थित अन्य सभी देवी देवताओं के मंदिरों में भी दर्शन करने को मिलेगा। इससे पहले आज ही वैशाख शुक्ल द्वितीया के अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दण्ड स्थापित किया गया। इस ध्वज दण्ड की लम्बाई 42 फुट है।
आज वैशाख शुक्ल द्वितीया, विक्रमी संवत् २०८२, तदनुसार २९ अप्रैल २०२५, मंगलवार को प्रातः ८ बजे श्री राम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दण्ड स्थापित किया गया। ध्वज दण्ड की लम्बाई ४२ फुट है।
Today, on Vaishakh Shukla Dwitiya, Vikrami Samvat 2082, i.e. 29 April 2025, Tuesday,… pic.twitter.com/mYrKJj5QMK
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) April 29, 2025
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, श्री वशिष्ठ जी, विश्वामित्र जी, अहिल्या जी, निषादराज महाराज, शबरी माता और अगस्त्य मुनि की मूर्तियां स्थापित हो गई हैं इन सभी की पूजा रामदरबार के साथ 5 जून को होगी। ये मंदिर भी 5 जून के बाद जनता के लिए खोल दिए जाएंगे। रामदरबार और मंदिर के परकोटे पर बने 6 मंदिरों की पूजा 5 जून को की जाएगी। 5 जून के लिए विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष चंपत राय करेंगे। इससे पहले 14 अप्रैल को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, के गर्भगृह के मुख्य शिखर पर विधिवत पूजन के साथ कलश की स्थापना की गई थी।
#WATCH दिल्ली: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, “…मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, श्री वशिष्ठ जी, विश्वामित्र जी, अहिल्या जी, निषादराज महाराज, शबरी माता और अगस्त्य मुनि की मूर्तियां स्थापित हो गई हैं इन सभी की पूजा रामदरबार के… pic.twitter.com/prGTYLfFmX
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बता दें कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद से वहां रोजाना हजारों की संख्या में देश विदेश से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। श्रीराम नगरी अयोध्या सबसे प्रमुख तीर्थ क्षेत्र के रूप में उभर रही है। महाकुंभ के दौरान तो पूरी अयोध्या नगरी श्रद्धालुओं से खचाखच भरी रही। श्रद्धालुओं ने कई कई किलोमीटर लंबी लाइन में लगकर भगवान श्रीराम के बाल रूप के दर्शन किए थे। उम्मीद की जा रही है कि 5 जून के बाद जब मंदिर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तब अयोध्या में और अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचेंगे।