वाराणसी। वाराणसी के एक युवक ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि भाजपा सरकार की एक योजना उसके जीवन को बदलकर रख देगी। राजेश जायसवाल नामक एक युवक ने सरकार की आर्थिक योजना का लाभ उठाते हुए हस्तनिर्मित रेडीमेड कपड़ों की फैक्टरी लगाकर आज बड़ा व्यवसाय खड़ा कर दिया है।क़रीब एक साल पहले शुरू किया गया व्यवसाय अब परवान चढ़ने लगा है। नवउद्यमी ने अपने साथ क़रीब 30 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा कर बेरोजगारी के मोर्चे पर उत्तर प्रदेश को एक नया प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया है जिससे आज यहां काम कर रहे कर्मी सशक्त हो रहे है। इनके बनाये कपड़े उत्तर प्रदेश के बाज़ार के साथ अमेज़न पर भी धूम मचा रहे है।
बीजेपी सरकार की योजनाएं अब रंग लाने लगी है। सरकारी योजनाए अब लोगों के पास तक पहुंचने लगी है। सरकार की इसी आर्थिक मदद की योजनाओं का लाभ उठाते हुए राजेश जायसवाल नामक युवक ने पांडेयपुर में रेडीमेड गारमेंट्स की फैक्ट्री लगा दिया है। फैक्ट्री में सिर्फ़ कपड़े ही नहीं सिले जा रहे है बल्कि लोगों के लिए रोजगार का सृजन भी हो रहा है। 10 पुरुष व 20 महिलाओं के सहयोग से क़रीब 40 से 50 लाख का टर्न ओवर कर रही है राजेश की कंपनी।मुंबई व अहमदाबाद से कच्चा माल मंगा कर, कपड़ों को सिलकर पूरे उत्तर प्रदेश में रेडीमेड कपड़ों की सप्लाई कर रहे है।यहीं तक नही ई-कॉमर्स , ऐमज़ॉन पर भी इस कंपनी का रेडीमेड गारमेंट्स दिख जाएगा। अमेज़न से भी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।ख़ास तौर पर डिज़ाइनर कुर्ते ,शर्ट ,जैकेट जो ब्रांडेड गारमेंट्स से सस्ते और उनको टक्कर देते हुए दिख रहे है।
सर मुड़ाते ही ओले पड़ना ये कहावत भी राजेश के साथ चरितार्थ हुई। रेडीमेड गारमेंट्स की फैक्ट्री शुरू करते ही कोरोना ने डराना शुरू ने किया, लेकिन भाजपा सरकार की नीतियों ने इस उद्यमियों को डिगने नही दिया। कोरोना काल मे फेस मास्क बना कर लोगों को कोविड से बचाया।तो अब पूरे प्रदेश को क़रीब 80 प्रतिशत हस्तनिर्मित रेडीमेड कपड़े पहना रहे है।एम् कॉम की पढाई करने के बाद राजेश ने जब स्वरोजगार के बारे में सोचा तो सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में पता चला । जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र ने राजेश का प्रोजेक्ट समझा व सराहा साथ ही उनको उद्योग लगाने के लिए पूरा सहयोग किया। इस नव उद्यमी ने सरकारी योजना “प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम “(PMEGP)के तहत बैंक से 20 लाख का ऋण लिया।
नियमानुसार 25 प्रतिशत की सब्सिडी का भी लाभ उधोग लगाने के लिए मिला। अपनी मेहनत व लगन से इस व्यवसाई ने सात साल के लिए लिया गया लोन , करीब एक साल में ही चुकाने की स्थिति के करीब आने में कामयाब हो रहा हैं। राजेश का मानना है की सरकार की आर्थिक मदद की योजना नहीं होती तो आज वे उद्यमी नहीं बन पाते। भाजपा सरकार कि ही नीतियों की ही देन है ,की स्वरोजग़ार के साथ ही हम कई हाथों को भी काम दे रहे है। जिससे कई परिवारों का जीवन स्तर भी ऊपर उठ रहा हैं। फैक्ट्री में काम करने वाले छेदी लाल ,रामाश्रय,रौशन जहां,श्रीराम जैसे हुनरमंद करीगरों ने बताया कि हम जैसे कई लोगों को कोरोना काल से लेकर अब तक रोज़गार के लिए भटकना नहीं पड़ा।