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Supreme Court Granted Admission In IIT To A Dalit Student Who Could Not Pay The Fees : आईआईटी धनबाद की फीस न भर पाने वाले दलित मजूदर के बेटे को अब मिलेगा एडमीशन, सुप्रीम कोर्ट ने दिया दाखिले का आदेश

Supreme Court Granted Admission In IIT To A Dalit Student Who Could Not Pay The Fees : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली छात्र को अधर में नहीं छोड़ा जा सकता। वहीं जस्टिस जेबी पारदीवाला ने आईआईटी धनबाद के वकील से पूछा कि आप एडमीशन का इतना विरोध क्यों कर रहे हैं, आपको तो इसका हल निकालना चाहिए।

नई दिल्ली। आईआईटी धनबाद की फीस जमा न करने पाने के कारण एडमीशन से वंचित रह गए यूपी के एक दलित मजदूर के होनहार बेटे को सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी धनबाद को इस छात्र को एडमीशन और छात्रावास सहित सभी सुविधाएं देने का आदेश दिया है। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसे युवा टैलेंट को बर्बाद नहीं कर सकते। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि इस छात्र के एडमीशन से उन छात्रों के दाखिले पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा जो पहले एडमीशन ले चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस छात्र को एडीशनल सीट पर एडमीशन देने का आईआईटी धनबाद को आदेश दिया।

यह पूरा मामला यूपी के मुजफ्फनगर के टोटोरा गांव में रहने वाला छात्र अतुल कुमार से जुड़ा हुआ है। अतुल ने आईआईटी के एंट्रेस एग्जाम को क्रैक किया और धनबाद में उसे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के कोर्स में दाखिला मिला। अतुल को एडमीशन फीस के 17,500 रुपये  24 जून को शाम 5 बजे तक ऑनलाइन जमा करने थे। अतुल के पिता दिहाड़ी मजूदरी करते हैं इसलिए यह रकम जुटाने में उसके पिता को थोड़ा समय लग गया। हालांकि अतुल के पिता ने जैसे-तैसे करके 24 की शाम 4 बजकर 45 मिनट तक एडमीशन  फीस 17,500 की व्यवस्था कर ली थी, मगर जब फीस जमा करने के लिए ऑनलाइन लागिन किया गया तो फीस जमा नहीं हो पाई। इसके चलते अतुल को एडमीशन से वंचित कर दिया गया।

इसके बाद अतुल की मदद करने  वालों ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दाखिल किया। वहीं इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला ने आईआईटी धनबाद के वकील से कहा कि आप इतना विरोध क्यों कर रहे हैं? आपको तो इस हल निकालना चाहिए। वहीं सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि छात्र को इसलिए एडमीशन से रोका जाना कि उसके पास पूरी फीस जमा करने का पैसा नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के रूप में हमें यह देखना होगा क्योंकि ऐसे प्रतिभावान छात्र को अधर में नहीं छोड़ा जा सकता है।