अमेठी से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह और स्वामी प्रसाद मौर्य की फाइल फोटो।
वाराणसी। रामचरितमानस के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) में जंग तेज होती दिख रही है। इस मसले पर सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह के बयान पर पलटवार किया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अमेठी से सपा विधायक राकेश प्रताप को बच्चा बताया है। मौर्य ने ये भी कहा है कि उन्होंने रामचरितमानस में दलित, आदिवासी और महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक चौपाइयों में संशोधन की बात कही थी, न कि रामचरितमानस के खिलाफ बयान दिया था। सपा में जिस तरह रामचरितमानस पर मौर्य के बयान की वजह से जंग छिड़ी है, उससे पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए आने वाला वक्त दिक्कत का सबब बन सकता है।
अमेठी से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य की तरफ से रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान का वो विरोध करते हैं। राकेश प्रताप ने कहा था कि वो पद और सबकुछ गंवाने के लिए तैयार हैं, लेकिन किसी सूरत में सनातन धर्म या उसके धार्मिक ग्रंथों के खिलाफ कुछ नहीं सुन सकते। सपा के विधायक ने अखिलेश यादव से इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने ये भी कहा था कि सपा में स्वामी प्रसाद के होने से वो शर्म महसूस करते हैं। राकेश प्रताप से पहले सपा की प्रवक्ता रोली मिश्रा तिवारी ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए बयान की निंदा की थी।
सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर दिए अपने बयान पर अब भी अड़े हुए हैं। जबकि, उनके बयान के बाद लखनऊ में एक ओबीसी संगठन ने रामचरितमानस की प्रतियों को जलाया भी था। इस घटना में शामिल 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वहीं, रविवार को वाराणसी जा रहे मौर्य को हिंदूवादी संगठनों ने काले झंडे दिखाए थे और उनकी गाड़ी पर स्याही भी फेंकी थी।