
नई दिल्ली। भड़काऊ भाषण मामले में सपा नेता आजम खान को एक और झटका लगा है। स्थानीय अदालत ने उनकी सजा बरकरार रखी है। दरअसल, बीते दिनों भड़काऊ भाषण मामले मे सपा नेता को तीन साल की सजा सुनाई गई थी और जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, किसी भी जनप्रतिनिधित्व को तीन साल की सजा होने के बाद उसकी विधायकी रद्द हो जाती है। आजम खान मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधायकी रद्द कर दी गई, लेकिन उन्होंने सजा के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। कोर्ट ने स्थानीय अदालत में सुनवाई करने का अनुरोध किया। गुरुवार को इस पर सुनवाई हुई और आजम की सजा बरकरार रखने का फैसला किया गया। बता दें कि आजम को तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद रामपुर उपचुनाव का रास्ता साफ हो चुका है।
गौरतलब है कि बीते दिनों आजम खान को तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने रामपुर उपचुनाव की पूरी तैयारी कर ली थी। रामपुर उपचुनाव की तारीख का ऐलान भी कर दिया गया है। बता दें कि आगामी चार दिसंबर को उक्त सीट पर चुनाव होने थे और नामांकन की प्रक्रिया आगामी 10 नवंबर से शुरू होनी थी और नतीजे 7 दिसंबर को आने थे, लेकिन आजम खान ने अदालत के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। लेकिन, कोर्ट ने पहले स्थानीय अदालत में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया। वहीं, आजम की सजा बरकरार किए जाने के बाद रामपुर उपचुनाव का रास्ता साफ हो चुका है। अब चुनाव आयोग चुनाव की तारीख सहित अन्य चुनावी गतिविधियों का तीथी घोषित की जाएगी।
बता दें कि सुनवाई के दौरान आजम खान कोर्ट में नहीं पहुंचे थे। लेकिन बीजेपी नेता आकाश सक्सेना कोर्ट में ही मौजूद थे। सक्सेना वहीं शख्स हैं, जिन्होंने आजम खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। ध्यान रहे कि विगत लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान ने पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे ध्यान में रखते हुए बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसकी वजह से आज की तारीख में आजम खान को अपनी विधायकी से हाथ धोना पड़ गया है। अब ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में वो क्या कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।