Video: ‘चीन लौटने का कोई मतलब नहीं..’, तवांग झड़प पर दलाई लामा का बड़ा बयान

Himachal Pradesh: दरअसल हिमाचल के कांगड़ा में पत्रकारों ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से तवांग हिंसा को लेकर प्रश्न किया। जिस पर उन्होंने जवाब देते हुए ड्रैगन पर बड़ा बयान दे दिया। दलाई लामा ने कहा, ”चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है। मैं भारत को पसंद करता हूं। कांगड़ा-पंडित नेहरू की पसंद, यह जगह मेरा स्थायी निवास है।” 

Avatar Written by: December 19, 2022 2:18 pm
jinping and dalai

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनातनी जारी है। एक तरफ जहां तवांग झड़प को लेकर देश में सियासत भी जारी है। सड़क से लेकर संसद में भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष तवांग मुद्दे को लेकर हंगामा भी दिख रहा है और कार्रवाई को भी बार-बार स्थगित करनी पड़ी रही है। वहीं मोदी सरकार के मंत्री भी तवांग मसले को लेकर विपक्ष पर पलटवार कर जवाब देने में पीछे नहीं रह रही है। इससे पहले खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में तवांग झड़प पर बयान दे चुके है। लेकिन इसके बाद भी देश में इस मुद्दे को लेकर सियासत जारी है। विपक्षी दल तवांग मामले को लेकर संसद में चर्चा करने की मांग कर रहा है। इसी बीच अब तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama) ने तवांग झड़प पर अपना पहला रिएक्शन दिया है।

India and china 1

दरअसल हिमाचल के कांगड़ा में पत्रकारों ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से तवांग हिंसा को लेकर प्रश्न किया। जिस पर उन्होंने जवाब देते हुए ड्रैगन पर बड़ा बयान दे दिया। दलाई लामा ने कहा, ”चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है। मैं भारत को पसंद करता हूं। कांगड़ा-पंडित नेहरू की पसंद, यह जगह मेरा स्थायी निवास है।” उन्होंने अपने बयान में आगे एशिया, अफ्रीका और एशिया महाद्वीप को केंद्रीय स्थल बताया था। वहीं, उन्होंने चीन का जिक्र कर कहा कि आज की तारीख में चीन भी काफी लचीला हो चुका है।

गौरतलब है कि 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग सेक्टर में LAC पर भारतीय सेना और पीएलए सैनिक के बीच झड़प हुई थी। जिसमें भारत की सेना ने चीन को कड़ा सबक सिखाया था। चीन के 300 सैनिकों को पीछे खदेड़ दिया था और उनके पास अपनी सीमा पर वापस जाने पर मजबूर कर दिया था। इस झड़प में भारत ने चीन को काफी नुकसान भी पहुंचा था। लेकिन चीन ने भारत के इन आरोपों को नकार दिया था। वहीं तवांग झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति एक बार फिर से बन गई है।