नई दिल्ली। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत दिल्ली में हैं। आज उनकी कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात होने वाली है। सोनिया से मुलाकात से ठीक पहले अशोक गहलोत का अहम बयान सामने आया है। राजस्थान में बागी तेवर दिखाने वाले अपने करीबी मंत्रियों और विधायकों का बचाव करने की कोशिश करते अशोक गहलोत दिखे। गहलोत ने मीडिया से लंबी बातचीत की। इस दौरान राजस्थान में बगावत जैसा माहौल बनने के बारे में सवाल पूछा गया। इस पर अशोक गहलोत ने कहा, ‘ये छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। मीडिया इसे अपने तरीके से देख और पेश कर रहा है।’
हमेशा कांग्रेस के अंदर डिसिप्लिन है। जो कांग्रेस अध्यक्ष होती हैं उनके अनुशासन में हम काम करते हैं।
घर की बातें हैं ये इंटरनल पॉलिटिक्स में चलता रहता है ये हम लोग सब सॉल्व कर लेंगे मैं आपको कह सकता हूँ: CM श्री #AshokGehlotpic.twitter.com/jhdFhRCsua— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) September 28, 2022
बता दें कि सोनिया गांधी ने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को बतौर पर्यवेक्षक जयपुर भेजा था। उनको विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पास कराना था कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव जीत जाते हैं, तो राजस्थान में नए मुख्यमंत्री का फैसला कांग्रेस आलाकमान करेगा। इसी प्रस्ताव के खिलाफ गहलोत के कई मंत्री और तमाम विधायक खड़े हो गए। विधायक दल की बैठक की जगह गहलोत के करीबी शांति धारीवाल के बंगले पर मंत्री और विधायक जुटे और अपनी मर्जी से ही नया सीएम चुनने की मांग रख दी। इन सभी मंत्रियों और विधायकों ने विधानसभा से सामूहिक इस्तीफे की चिट्ठी भी विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को दे दी।
विधायक जब सचिन पायलट को अगला सीएम न बनाने की मांग करते हुए बगावत कर रहे थे, तो आलाकमान के कहने के बाद भी गहलोत ने माहौल संभालने में हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बाद सूत्रों से जानकारी मिली थी कि सोनिया बहुत गुस्से में थीं और उन्होंने ये भी कहा कि अशोक गहलोत से ऐसी उम्मीद नहीं थी। बाद में गहलोत ने सोनिया गांधी से फोन पर बात कर पूरे घटनाक्रम के लिए माफी भी मांगी थी। इसके बाद खबर आई थी कि जयपुर में विधायकों से बे-आबरू होकर लौटे पर्यवेक्षकों ने सोनिया को जो रिपोर्ट दी, उसमें गहलोत को क्लीनचिट दे दी गई। इसी के बाद अब गहलोत दिल्ली आए हैं।