
नई दिल्ली। मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद बहुत से लोग वहां से पलायन कर रहे हैं। कई हिंदू परिवार अपना घर छोड़कर आस-पास के शिविर में शरण लिए हुए हैं। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के नेता और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने लोगों के पलायन को लेकर बड़ा ही अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लोग से बंगाल में ही जा रहे हैं, इसमें कोई ऐसी बड़ी बात नहीं है, यहां सबकुछ ठीक है। हकीम ने कहा कि इससे बहुत बड़ी घटना गुजरात में घटी लेकिन फिर भी लोग चुप हैं। वहीं बीजेपी ने फिरहाद हकीम को निशाने पर लेते हुए तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी को भी घेरा है।
It is nothing short of a travesty that someone like Firhad Hakim—an individual with a history of sectarian and inflammatory rhetoric—now holds the esteemed position of Mayor of Kolkata, once occupied by towering figures such as Deshbandhu Chittaranjan Das (first Indian to occupy… pic.twitter.com/ic8SdJ191k
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 14, 2025
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय का कहना है कि यह किसी विडंबना से कम नहीं है कि फिरहाद हकीम जैसा व्यक्ति जिसका इतिहास ही सांप्रदायिक और भड़काऊ बयानबाजी वाला रहा है वो अब कोलकाता के मेयर के प्रतिष्ठित पद पर हैं, जिस पर कभी देशबंधु चित्तरंजन दास (1924 में इस पद पर आसीन होने वाले पहले भारतीय), सुभाष चंद्र बोस और अन्य जैसे दिग्गज लोग काबिज थे। यह चिंताजनक है कि वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और ममता बनर्जी के भरोसेमंद फिरहाद हकीम मुर्शिदाबाद से हिंदुओं के विस्थापन को न केवल उचित ठहरा रहे हैं, बल्कि उस पर संतोष भी व्यक्त कर रहे हैं। बंगाली हिंदू आज कश्मीरी पंडितों की तरह अपनी ही मातृभूमि में शरणार्थी बनकर रह गए हैं।
#WATCH | मालदा: केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा, “स्थिति बहुत तनावपूर्ण और खराब है। केंद्रीय बल को लंबे समय तक यहां रखकर स्थिति को सुधारा जा सकता है, केंद्रीय बल को हटाने जैसी स्थिति नहीं है। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे पहल करें और… pic.twitter.com/LlPDF4BRvM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 14, 2025
मालवीय ने कहा कि हाकिम यह वही व्यक्ति है जिसने कोलकाता के एक हिस्से को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहा था और पहले भी इस्लाम में धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाले भड़काऊ बयान दिए हैं। उन्होंने दावत-ए-इस्लाम जैसी पहल का खुलकर समर्थन किया और गैर-मुसलमानों को ‘दुर्भाग्यशाली’ करार दिया था। इस सबके बावजूद अगर ममता बनर्जी अपनी चुप्पी साधे रखती हैं, तो वह एक ऐसे व्यक्ति को सशक्त बनाने का जोखिम उठा रही हैं, जिसकी वैचारिक महत्वाकांक्षाएं अंततः उनके नेतृत्व को चुनौती दे सकती हैं और बंगाल को इस्लामीकरण की ओर ले जा सकती हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, मुर्शिदाबाद में स्थिति बहुत तनावपूर्ण और खराब है। केंद्रीय बलों को लंबे समय तक यहां रखकर स्थिति को सुधारा जा सकता है। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे पहल करें और केंद्र से कहें कि यहां सीआरपीएफ तैनाती हो और जब तक स्थिति सामान्य न हो जाए तब तक केंद्रीय बल यहां रहें।