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PM Modi: ‘ये गर्जना, ये धमक..यही तो है हमारी ताकत..’ भारत शक्ति अभ्यास में भारतीय सेनाओं के अभ्यास को देख गदगद हुए पीएम मोदी

PM Modi: पिछले एक दशक में देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अथक प्रयास किए गए हैं, जिसमें एमएसएमई और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पीएम मोदी ने टिप्पणी की कि आने वाले वर्षों में, जैसे ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा, इसकी सैन्य ताकत भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के साथ राजस्थान के जैसलमेर में पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में “भारत शक्ति” अभ्यास के साक्षी बने। इस अभ्यास में स्वदेशी हथियारों की घातक क्षमता और तीनों रक्षा बलों की परिचालन तत्परता का प्रदर्शन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज पोखरण एक बार फिर भारत की आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और आत्मसम्मान का प्रमाण बनकर खड़ा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पोखरण भारत की परमाणु शक्ति का गवाह रहा है और अब, यह स्वदेशीकरण के माध्यम से सशक्तिकरण का गवाह है।

पिछले एक दशक में देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अथक प्रयास किए गए हैं, जिसमें एमएसएमई और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पीएम मोदी ने टिप्पणी की कि आने वाले वर्षों में, जैसे ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा, इसकी सैन्य ताकत भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी। उन्होंने इस यात्रा में राजस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक विकसित राजस्थान भारतीय सेना को भी मजबूत करेगा। रक्षा क्षेत्र के बारे में बोलते हुए, पीएम मोदी ने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की जहां भारत के रक्षा क्षेत्र और सेना का महत्वपूर्ण विस्तार होगा, जिससे युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा होंगे। उन्होंने याद दिलाया कि भारत एक समय दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा आयातक था, लेकिन अब रक्षा क्षेत्र में एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरा है, 2014 के बाद से रक्षा निर्यात आठ गुना से अधिक बढ़ गया है।


पीएम मोदी ने पिछले दशक में रक्षा क्षेत्र की उपलब्धियों को गिनाया, जिसमें लड़ाकू विमानों का विकास, विमान वाहक की स्थापना, C295 परिवहन विमान का स्वदेशी उत्पादन और भारत में आधुनिक इंजनों का आगामी उत्पादन शामिल है। उन्होंने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों की स्थापना का भी उल्लेख किया, जिसमें अब तक ₹7,000 करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर फैक्ट्री ने भारत में परिचालन शुरू कर दिया है, जो देश की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।