नई दिल्ली। अग्निपथ योजना को लेकर जिस तरह बिहार समेत देश के विभिन्न राज्यों में हिंसा देखने को मिल रही है, उसे लेकर हिंसाग्रस्त राज्यों की पुलिस एक्शन मोड में आ चुकी है। हिंसाग्रस्त जगहों से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हिंसा में संलिप्त शरारती तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो चुका है। लेकिन, अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जिन युवाओं ने विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया है, क्या उन्हें भी सेना में बतौर अग्निवीर शामिल किया जाएगा?, तो इस सवाल का जवाब तीनों ही सेनाओं के प्रमुख की ओर से बीते दिनों हुई संयुक्त प्रेसवार्ता में दिया जा चुका है, जिसमें साफ किया जा चुका है कि सेना का मूल मंत्र ही अनुशासन होता है, लिहाजा ऐसे किसी भी युवक को बतौर अग्निवीर भर्ती नहीं किया जाएगा, जिन्होंने हिंसा करने से गुरेज नहीं किया है।
वहीं, दूसरा बड़ा सवाल यह है कि क्या युवाओं के विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए अग्निपथ स्कीम को वापस लिया जाएगा, तो इस पर तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने तो पहले ही अपना रूख साफ कर दिया था ,लेकिन अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी अपना रुख साफ कर दिया है, जिसमें उन्होंने एएनआई को दिए इंटरव्यू में साफ कर दिया है कि अग्निपथ स्कीम को वापस लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। उन्होंने आगे कहा कि इस योजना को एक रात में तैयार नहीं किया गया है, बल्कि कई दशकों के चिंतन मंथन के उपरांत तैयार किया गया है, ताकि हम अपनी सेना को युवा सैनिकों से सुसज्जित कर सकें। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र सत्ता में आने के बाद सेना को लेकर संजीद हैं। वे सेना को अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित करना चाहते हैं। वे भारतीय सेना को विश्व का सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ सेना बनाना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह स्कीम युवाओं के लिए भी हितकारी है।
No question of rollback of Agnipath scheme, government’s move not a knee-jerk reaction: NSA Doval
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— ANI Digital (@ani_digital) June 21, 2022
इसके साथ ही उन्होंने हिंसा में संलिप्त युवकों के संदर्भ में कहा कि जिन लोगों ने विरोध प्रदर्शन की आड़ में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। आगजनी सरीखी गतिविधियों को अंजाम दिया है। उसकी मैं निंदा करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में हर व्यक्ति को अपने विचार रखने की पूरी आजादी होती है, लेकिन हिंसा करने की इजाजत नहीं है।
#WATCH | “Yes, they are a vulnerable section & need protection. Govt has taken various steps in the past & probably much more has to be done and that is being done,” says NSA Ajit Doval on the issue of Kashmiri Hindus pic.twitter.com/Q7yZqHSdf3
— ANI (@ANI) June 21, 2022
बता दें कि इससे पहले तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने ऐसे सभी युवाओं के बारे में साफ कर दिया था कि इनके लिए सेना में शामिल होने के सारे द्वार बंद चुके हैं। वहीं, सेना और सरकार की अपील के उपरांत देश के विभिन्न राज्यों में जारी हिंसा अब थम चुकी है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक जनसभा को संबोधित करते अग्निपथ योजना को युवाओं के लिए हितकारी बताया था, लेकिन उन्होंने इसके विरोध में हुई हिंसा के संदर्भ में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी थी। अब ऐसे में यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी।