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Dattatreya Hosbale On Aurangzeb: औरंगजेब मामले पर आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबाले की खरी-खरी, कहा- गंगा-जमुनी तहजीब की बात करने वालों ने उसे अपना आदर्श बनाया

Dattatreya Hosbale On Aurangzeb: दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि हमें ये सोचना होगा कि स्थानीय को सम्मान देना है या बाहर से आने वालों को आदर्श बनाना है। आरएसएस सरकार्यवाह ने कहा कि समाज कोई भी मुद्दा उठा सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में औरंगजेब के नाम पर सड़क थी। उसे एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया गया। आरएसएस नेता ने कहा कि बाहर से आए आक्रांता का साथ जो मानसिकता देती है, उसके बारे में सोचना होगा।

बेंगलुरु। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने रविवार को औरंगजेब के मसले पर हो रहे विवाद में खरी-खरी प्रतिक्रिया दी। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की बैठक में शामिल हुए दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि जो लोग गंगा-जमुनी तहजीब की बात करते हैं, उन्होंने ही औरंगजेब को अपना आदर्श बनाया। दो टूक लहजे में आरएसएस नेता ने कहा कि औरंगजेब को अपना आदर्श बनाने वाले उसके भाई को के बारे में कुछ नहीं कहते। दत्तात्रेय होसबाले दारा शिकोह का उल्लेख कर रहे थे। दारा शिकोह को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपना उत्तराधिकारी बनाया था और दारा शिकोह की हत्या औरंगजेब ने कराई थी।

दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि हमें ये सोचना होगा कि स्थानीय को सम्मान देना है या बाहर से आने वालों को आदर्श बनाना है। आरएसएस सरकार्यवाह ने कहा कि समाज कोई भी मुद्दा उठा सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में औरंगजेब के नाम पर सड़क थी। उसे एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया गया। आरएसएस नेता ने कहा कि बाहर से आए आक्रांता का साथ जो मानसिकता देती है, उसके बारे में सोचना होगा। वक्फ संशोधन बिल पर भी दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि सरकार क्या कर रही है, उसे देखेंगे। सरकार सही दिशा में काम कर रही है। उन्होंने लोकसभा सीटों के परिसीमन के मसले पर दक्षिण भारत के राज्यों की आपत्ति पर भी अपनी राय रखी। होसबाले ने कहा कि जनगणना शुरू होने दीजिए। परिसीमन भी होने दीजिए। उसके बाद देखेंगे।

अवैध घुसपैठ के बारे में दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि इस पर आरएसएस का रुख साफ है। हर बार संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में ये मुद्दा नहीं उठता। उन्होंने कहा कि हम लगातार कह रहे हैं कि अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार प्रभावी कदम उठाए। होसबाले ने कहा कि जाति आधारित आरक्षण सभी सरकारें देती हैं, लेकिन डॉ. भीमराव आंबेडकर भी धर्म के आधार पर आरक्षण के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा कि हम हर दिन केंद्र सरकार के कामकाज पर नजर नहीं डालते। जरूरत इसकी है कि हमारा काम समाज तक पहुंचे।