
कोटा। कुछ दिन पूर्व उदयपुर के कन्हैयालाल की मुस्लिम युवाओं द्वारा तालिबानी तरीके से उन्हीं की दुकान में घुसकर की गयी नृशंस हत्या के विरोध स्वरूप कोटा में आज सर्व हिन्दू समाज की ओर से कोटा बंद का आवाहन था, जो पूर्णतया सफल रहा। इसके अलावा सीएडी सर्किल पर हजारों की संख्या में हिन्दू धर्म के लोग इकट्ठे हुए और संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने से पूर्व सीएडी सर्किल पर सर्व हिंदू समाज की तरफ से आक्रोश रैली का आयोजन रखा गया था जिसमें शनिवार दोपहर 12 बजे से लोग इकट्ठा होना शुरू हुए। भरी बारिश में भी लोगों का जोश कम नहीं हुआ। युवा, बुजुर्ग एवं महिलाएं सभी ने पुरे जोश के साथ कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में आयोजित आक्रोश रैली में भाग लिया। लोग हत्यारों को फांसी दो,पीएफआई को बैन करो, जय श्री राम, जिस हिन्दू का खून न खौला वो खून नहीं पानी है जैसे नारे लगाते हुए रैली स्थल पर पहुंचे। यहां पर संतों, हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने लोगों को संबोधित किया और उसके बाद लोग आक्रोश रैली के रूप में भगवा झंडे लहराते हुए संभागीय आयुक्त ऑफिस तक पहुंचे। यहां भी लोगों ने विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया गया और उसके बाद एक दल द्वारा संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा गया।
पुख्ता थे पुलिस के इंतजाम
राजस्थान में पहले से चल रहे तनाव पूर्ण माहौल को देखते हुए पुलिस प्रशासन इस आयोजन को लेकर कोई अनहोनी नहीं होने देना चाहता थी, इसलिए वो पहले से अलर्ट मोड पर थी। एसटीएफ एवं पुलिस बल भरी तादाद में किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद था, लेकिन धरना पूर्णतया शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। मालूम हो कोटा में कुछ समय पहले पीएफआई की रैली भी आयोजित हुए थी।
इंटरनेट बंद होने के बावजूद भारी मात्रा में पहुंचे लोग
उदयपुर में हुई तालिबानी तरीके से हत्या के बाद से सुरक्षा की दृष्टि से राजस्थान सरकार ने इंटरनेट और SMS पर पाबन्दी लगा रखी है। बावजूद तमाम पाबन्दी, लोगों ने इस आक्रोश रैली में बढ़चढ़ कर स्वेच्छा से भाग लिया और इसे सफल बनाने की ठानी। लोगों ने 1-1 SMS के जरिये लोगों तक सन्देश पहुंचाया और उनको सन्देश आगे फॉरवर्ड करने की अपील की।
इस तरह कुछ ही समय में यह सन्देश हजारों लोगों तक पंहुचा और शनिवार तड़के से ही लोग CAD सर्किल पर आसमानी आफत के बावजूद पहुंचने शुरू हो गए। कोटा बंद को भी सभी व्यापारी संगठनों ने खुल कर समर्थन दिया और बिना किसी जोर जबरदस्ती के आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सम्पूर्ण कोटा बंद रहा।