नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में मिलने वाले ‘प्रसादम’ लड्डू में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल पाए जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी देश भर के हिंदू संगठनों के निशाने पर आ गए हैं। मध्य प्रदेश के भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच ने जगन मोहन रेड्डी का पुतला फूंक कर अपना गुस्सा जाहिर किया। दूसरी तरफ जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के वकीलों ने इस पूरे मामले को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय की बेंच के समक्ष उठाया।
भोपाल: तिरुपति बालाजी प्रसाद विवाद में हिंदू संगठनों ने जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा “जगनमोहन रेड्डी का यहां पुतला दहन किया गया है। उन्होंने हिंदू धर्म को भ्रष्ट करने का काम किया है। हमारी देवी देवताओं को… pic.twitter.com/bSZEC8STOB
— IANS Hindi (@IANSKhabar) September 20, 2024
भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि जगनमोहन रेड्डी ने हिंदू धर्म को भ्रष्ट करने का काम किया है। हमारी देवी-देवताओं को अपमानित करने का काम किया है और प्रसाद को अपवित्र करने का काम किया है, उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। जगन मोहन ने हिंदू धर्म की आस्था को ठेस पहुंचाई है इसके लिए उनको जेल में भेज देना चाहिए।
Lawyers representing the YSRCP mentioned at the High Court bench the allegations made by Andhra Pradesh CM Chandrababu Naidu regarding the Tirumala Laddu prasadam. The lawyer requested that either a sitting judge or a committee appointed by the High Court investigate the claims…
— ANI (@ANI) September 20, 2024
उधर, वाईएसआर कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय की बेंच के समक्ष तिरुमाला लड्डू प्रसादम के संबंध में आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाए गए आरोपों का उल्लेख किया। पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी के वकील ने अनुरोध किया कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एक मौजूदा न्यायाधीश की नियुक्ति की जाए या उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति मुख्यमंत्री नायडू द्वारा किए गए दावों की जांच करे, जिन्होंने आरोप लगाया था कि प्रसादम में जानवरों की चर्बी मिलाई गई थी। हाईकोर्ट की बेंच ने सुझाव दिया कि बुधवार, 25 सितंबर तक एक जनहित याचिका दायर की जाए जिसमें उस दिन दलीलें सुनी जाने की मांग की गई हो।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने यह आरोप लगाया था कि जगन मोहन रेड्डी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान तिरुमति मंदिर में प्रसाद के लिए जो लड्डू बनाए गए थे उनमें जानवरों की चर्बी से बने घी का इस्तेमाल किया गया था। कल ही नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि भी हो गई कि प्रसादम में गाय की चर्बी और मछली का तेल पाया गया।