नई दिल्ली। देश की संसद मंगलवार को पहली बार शर्मनाक नजारे का गवाह बनी। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल लोकसभा में किया, जिसे आम बोलचाल में भद्दी गाली की संज्ञा मिली हुई है। ये वाकया राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान हुई। हुआ ये कि टीडीपी के सांसद राममोहन नायडू अपनी बात रख रहे थे। इसी दौरान उनके बगल में बैठीं महुआ मोइत्रा उठीं और गालीरूपी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। इस दौरान राममोहन नायडू उनसे कहते दिखे कि मैं बोल रहा हूं, मुझे बोलने दो न।
महुआ की तरफ से असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किए जाने पर बीजेपी और सत्ता पक्ष के अन्य सांसद भड़क उठे। उन्होंने इस असंसदीय शब्द पर महुआ से माफी की मांग की। हंगामा होने लगा। जिसके बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी उठे। उन्होंने कहा कि टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने जो असंसदीय भाषा का इस्तेमाल सदन में किया, उसके लिए उनको माफी मांगनी चाहिए। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इस बारे में टीएमसी संसदीय दल के नेता को कदम उठाना चाहिए। जोशी ने कहा कि अगर इसके बाद भी माफी नहीं मांगी जाती, तो यही माना जाएगा कि यही टीएमसी की संस्कृति है। इसके बाद हंगामा शांत हुआ। हालांकि, जोशी के बयान के दौरान भी महुआ मोइत्रा मुस्कुराती दिखाई दीं।
महुआ मोइत्रा ने अपने असंसदीय शब्द के लिए माफी नहीं मांगी। महुआ ने माफी मांगने से इनकार कर दिया। उनका तर्क था कि उनको दोहराने की जरूरत नहीं है। टीएमसी सांसद ने कहा कि वे मुझे परेशान करने और भाषण में बाधा डालने और उसे बर्बाद करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महुआ सिर्फ सच्चाई के साथ है। बता दें कि महुआ मोइत्रा मोदी सरकार की बड़ी विरोधी हैं। वो हर संसद सत्र और बाहर भी सरकार को लगातार घेरती रहती हैं, लेकिन पहली बार संसद में उन्होंने इस तरह की असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया है।