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Jammu-Kashmir: कश्मीर घाटी के गांवों में घुसे आतंकी तो बचकर नहीं जा सकेंगे, एक-एक को ऐसे उतारा जाएगा मौत के घाट
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में राजौरी में हुई आतंकी घटना के बाद जिले और पुंछ में सुरक्षा को और तगड़ा कर दिया है। पुंछ और राजौरी में सीआरपीएफ के 1800 और जवान तैनात किए गए हैं। ये जवान गांवों की सुरक्षा के साथ ही रोड ओपनिंग और सड़कों पर नाकेबंदी का काम करेंगे।
श्रीनगर। बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के राजौरी के धांगरी गांव में आतंकियों ने घुसकर 2 बच्चों समेत 4 लोगों की हत्या कर दी थी। ऐसी और घटनाएं न हों, इसके लिए अब केंद्र सरकार ने अहम फैसला किया है। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित पुंछ और राजौरी इलाकों के गांवों में फिर से विलेज डिफेंस कमेटियां (वीडीसी) बनाने का फैसला किया है। इन कमेटियों के सदस्यों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। उन लोगों को वीडीसी में रखने में प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके पास लाइसेंस वाले हथियार हैं। सूत्रों के मुताबिक आतंकियों से मोर्चा लेने का तरीका सीआरपीएफ के जवान इन वीडीसी सदस्यों को बताएंगे।
सीआरपीएफ सूत्रों के मुताबिक सरकार की तरफ से वीडीसी सदस्यों को हथियार नहीं दिया जाएगा। इसकी जगह हथियार रखने वालों को और प्रशिक्षण दिया जाएगा। राजौरी के गांव में जब आतंकियों ने धावा बोला था, तो एक वीडीसी सदस्य ने अपनी रायफल से फायरिंग की थी। जिसके बाद आतंकी वहां से भागने को मजबूर हो गए थे। अब केंद्र सरकार का इरादा है कि हर हाल में वीडीसी को मजबूत किया जाए, ताकि आतंकवादी किसी गांव में घुसकर आम लोगों की जान न ले सकें। ऐसी स्थिति में वीडीसी सदस्य उनसे तगड़ा मोर्चा ले सकेंगे।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में राजौरी में हुई आतंकी घटना के बाद जिले और पुंछ में सुरक्षा को और तगड़ा कर दिया है। पुंछ और राजौरी में सीआरपीएफ के 1800 और जवान तैनात किए गए हैं। ये जवान गांवों की सुरक्षा के साथ ही रोड ओपनिंग और सड़कों पर नाकेबंदी का काम करेंगे। इसके अलावा आतंकियों के खिलाफ अभियान में वे पुलिस की मदद भी करेंगे।