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Tomato Flu Symptoms & Advisory: कोरोना और मंकी फॉक्स के बीच नई आफत बना टोमेटो फ्लू, जानिए क्या है लक्षण और बचाव के तरीके

Tomato Flu Symptoms & Advisory: देश में 24 अगस्त यानी आज बुधवार तक इस फ्लू के 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जैसा कि ये फ्लू तेजी से बढ़ रहा है तो इसके बारे में जानना जरूरी हो गया है कि इसके लक्षण क्या है और सरकार की तरफ से इसे लेकर क्या एडवाइजरी जारी की गई है।

नई दिल्ली। देश पहले से ही कोरोना (Coronavirus), मंकीपॉक्स (Monkeypox) जैसे वायरस से पहले ही परेशान है। देश में ये दोनों ही वायरस लोगों को तेजी से अपनी जद में ले रहे हैं। वर्तमान में जहां पहले ही भारत इन मुसीबतों से त्रस्त है कि अब स्वास्थ्य के मोर्चे पर एक और संकट सामने आ खड़ा हुआ है। अब जो नया संकट भारतवासियों के गले की फांस बनने जा रहा है वो है टोमैटो फ्लू (Tomato Flu)। देश में 24 अगस्त यानी आज बुधवार तक इस फ्लू के 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जैसा कि ये फ्लू तेजी से बढ़ रहा है तो इसके बारे में जानना जरूरी हो गया है कि इसके लक्षण क्या है और सरकार की तरफ से इसे लेकर क्या एडवाइजरी जारी की गई है।

क्या है टोमैटो फ्लू

देश में सामने आया ये नया संकट एक तरह का वायरल बीमारी है। एक तरह से ये टोमैटो फ्लू हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (एचएफएमडी) के एक स्वरूप का मालूम पड़ता है। खासकर 10 साल से छोटी उम्र के बच्चों में ये देखने को मिल रहा है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि वयस्क लोगों को ये अपना शिकार नहीं बनाता। वयस्कों को इसे देखा जा सकता है। जब ये फ्लू किसी को अपनी चपेट में लेता है तो शरीर पर लाल रंग के छाले या फफोले हो जाते हैं। ये काफी दर्द देते हैं। यही वजह है कि इसे टोमेटो फ्लू कहा गया है।

केंद्र सरकार लाई है एडवाइजरी

देश में 82 से ज्यादा बच्चों के इस फ्लू की चपेट में आने के बाद केंद्र सरकार ने मंगलवार (23 अगस्त, 2022) को सभी राज्य सरकारों में इसे लेकर एहतियाती उपायों (एडवाइजरी) का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। केंद्र ने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया है कि इस प्लू के इलाज के लिए कोई खास दवा नहीं है। ऐसे में बच्चों को इस फ्लू के संकेतों, लक्षणों और इसके दुष्प्रभावों के बारे में अच्छे से जानकारी दी जानी चाहिए।

ये हैं फ्लू के लक्षण

सरकार की मानें तो वैसे इस टोमेटो फ्लू में अन्य वायरल संक्रमणों जैसे (बुखार, थकान, बदन दर्द और त्वचा पर चकत्ते) ही लक्षण नजर आते हैं। हालांकि इस वायरस का सार्स-कोव-2, मंकीपॉक्स, डेंगू या चिकनगुनिया से कोई संबंध नहीं है। इस साल 6 मई को केरल के कोल्लम जिले में ‘टोमेटो फ्लू’ का पहला मामला सामने आया था। अब तक इस फ्लू के 82 से अधिक मामले सामने आने की खबर है।

छोटे बच्चों को है ज्यादा खतरा- लांसेट अध्ययन

17 अगस्त को दि लांसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन पत्रिका में छपे अध्ययन में इसे लेकर चेताया गया कि कम उम्र के बच्चों को ज्यादा इस फ्लू की चपेट में आने का जोखिम है। अगर इसके रोका न गया या फिर इसपर नियंत्रित न किया जाए तो ये वयस्कों को भी अपना शिकार बना सकता है। टोमैटो फ्लू या टोमेटो बुखार केरल के अलावा तमिलनाडु और ओडिशा में भी टोमेटो फ्लू के मामलों की जानकारी सामने आई है। वैसे तो ये बीमारी जानलेवा नहीं है लेकिन बीते समय में कोरोना जैसे संकट को देखकर अब इसे रोकने के लिए सतर्कता जरूरी है।