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Delhi Budget: दिल्ली के बजट पर केजरीवाल और केंद्र में ठनी, दिल्ली के सीएम ने लगाया रोकने का आरोप तो गृह मंत्रालय ने सवाल पूछकर घेरा

दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के दफ्तर की तरफ से बताया गया कि बजट की फाइल केजरीवाल सरकार ने पहले भेजी थी। इसमें कुछ आपत्तियां थीं। जिन आपत्तियों को दूर कर फाइल अब तक लेफ्टिनेंट गवर्नर को केजरीवाल सरकार ने दोबारा नहीं भेजी। इसके बाद मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय की भी एंट्री हो गई।

नई दिल्ली। सरकार चलाने के मुद्दे पर तो दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच टकराव है ही। अब इस टकराव में दिल्ली के बजट का मसला भी आ गया है। सीएम केजरीवाल ने सोमवार को आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने बजट रोक लिया है और उसे पास नहीं होने देना चाहती। वहीं, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के दफ्तर की तरफ से बताया गया कि बजट की फाइल केजरीवाल सरकार ने पहले भेजी थी। इसमें कुछ आपत्तियां थीं। जिन आपत्तियों को दूर कर फाइल अब तक लेफ्टिनेंट गवर्नर को केजरीवाल सरकार ने दोबारा नहीं भेजी। इसके बाद मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय की भी एंट्री हो गई। गृह मंत्रालय ने दिल्ली के बजट के संबंध में केजरीवाल सरकार से कुछ जवाब मांगे हैं।

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सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल सरकार के दिल्ली के बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कम और प्रचार व विज्ञापन के मद में ज्यादा धन रखा गया। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस बारे में सवाल पूछते हुए बजट की फाइल 17 मार्च को केजरीवाल सरकार को वापस भेजी गई थी। सवालों का जवाब सोमवार रात तक केजरीवाल सरकार ने गृह मंत्रालय को नहीं भेजा था। ऐसे में बजट को मंजूरी भी नहीं दी जा सकी। बता दें कि दिल्ली के बजट को राष्ट्रपति की तरफ से मंजूरी मिलती है। ये प्रक्रिया केंद्रीय गृह मंत्रालय ही पूरी करता है।

cm kejriwal

वहीं, आम आदमी पार्टी के नेताओं का दावा है कि बुनियादी ढांचे पर कम और विज्ञापन पर ज्यादा बजट प्रावधान रखने का आरोप गलत है। केजरीवाल सरकार के नेताओं का कहना है कि कुल 78800 करोड़ के बजट में 22000 करोड़ बुनियादी ढांचे और 550 करोड़ की धनराशि विज्ञापन और प्रचार के मद में रखी गई है। विज्ञापन पर पिछले साल के बराबर धन दिए जाने का प्रावधान बजट में किया गया है। बहरहाल, दोनों के टकराव के कारण इस बार दिल्ली का बजट आज पेश नहीं हो सकेगा। इससे पहले दिल्ली का बजट हर साल 21 मार्च को पेश होता रहा था।