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ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा पर राजदीप सरदेसाई की झूठी खबर उनके लिए पड़ा भारी, इंडिया टुडे ने कर दिया इनको ऑफ एयर, महीने की सैलरी काटी

राजदीप सरदेसाई (Rajdeep Sardesai) ने जब देखा कि उनका यह ट्वीट वायरल हो गया है और उनके द्वारा फैलाई गई फेक न्यूज के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सही जानकारी मुहैया करा दी तो राजदीप के पहले तो सुर बदल गए और वह दिल्ली पुलिस की तारीफ करने लगे और फिर उन्होंने अपने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया।

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों के द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली में जो हुड़दंग मचा उसे पूरी दुनिया ने देखा। दुनिया भर में भारत की छवि को उसके लोकतांत्रिक मर्यादा को इससे काफी नुकसान हुआ। दिल्ली के लाल किले पर जिस तरह से उत्पातियों ने उत्पात मचाया। पुलिस के जवानों के साथ जिस तरह से पूरे रैली के दौरान व्यवहार किया गया वह भी मीडिया के कैमरों में कैद होती चली गई। सरकार और दिल्ली पुलिस अब इस पूरे मामले में एक्शन मोड में है। कई किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर और लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। लेकिन इस पूरे अराजक आंदोलन के बीच इंडिया टुडे के वरिष्ठ पत्रकार और परामर्श संपादक राजदीप सरदेसाई अचानक चर्चा में आ गए। राजदीप सरदेसाई इस पूरे आंदोलन के दौरान रिपोर्टिंग कर रहे थे। उनका विरोध भी कई जगहों पर किया गया लेकिन इस सब के बीच वह अपना एजेंडा सरकार और पुलिस के खिलाफ चलाने से अपने आप को रोक नहीं सके। इसी का नतीजा है कि राजदीप सरदेसाई के खिलाफ उनके मीडिया ग्रुप ने एक्शन लिया है और उनको ऑफ एयर करने का आदेश जारी करने के साथ उनकी एक माह के वेतन की कटौती भी कर दी गई है।

Rajdeep sardesai

गणतंत्र दिवस के दिन जब दिल्ली की सड़कों पर जब दंगाई, हुड़दंगी, उत्पाती तांडव मचा रहे थे उस वक़्त राजदीप सरदेसाई ने एक किसान के पुलिस फायरिंग में मारे जाने की खबर फैला दी। इस खबर को जब पुलिस के द्वारा झूठा साबित किया गया और इसको लेकर एक वीडियो जारी किया गया जिसमें यह साफ दिख रहा था कि उस ट्रैक्टर चालक की मौत पुलिस की गोली से नहीं बल्कि ट्रैक्टर दुर्घटना की वजह से हुई। जिसे वह प्रदर्शनकारी चला रहा था और दौरान उसकी ट्रैक्टर बेतहासा स्पीड में बेकाबू तब हो गई जब वह पुलिस के द्वारा लगाए गए बैरीकेड को एक-एक कर तोड़ता जा रहा था। मौत के बाद कराए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हो गया कि उसकी मौत की वजह दुर्घटना थी ना कि पुलिस की फायरिंग।

राजदीप सरदेसाई ने जब देखा कि उनका यह ट्वीट वायरल हो गया है और उनके द्वारा फैलाई गई फेक न्यूज के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सही जानकारी मुहैया करा दी तो राजदीप के पहले तो सुर बदल गए और वह दिल्ली पुलिस की तारीफ करने लगे और फिर उन्होंने अपने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया। राजदीप सरदेसाई ने तिरंगे में लिपटी मृतक की लाश की तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा था ‘पुलिस फायरिंग में आईटीओ पर 45 साल के नवनीत की मौत हो गई है। किसानों ने मुझे बताया कि उसका ‘बलिदान’ व्यर्थ नहीं जाएगा।’


राजदीप सरदेसाई ने अपने एजेंडे के तहत इस तरह के ट्वीट को लिखा था और इसके जरिए कितनी अराजकता फैल सकती थी इसका उन्हें पूरा अंदाजा था। बाद में अपनी किरकिरी होता देख राजदीप ने चुपके से इस ट्वीट को हटा दिया। लेकिन तब तक उनका ये ट्वीट वायरल हो चुका था।


राजदीप सरदेसाई ने अपने को घिरता देखकर दिल्ली पुलिस के द्वारा वीडियो जारी को लेकर ट्वीट किया, “किसान आंदोलन के प्रदर्शनकारियों का दावा है कि मृतक नवनीत सिंह को दिल्ली पुलिस ने गोली मार दी थी, जबकि इस वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि पुलिस के बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश करते हुए ट्रैक्टर पलट गया। ऐसे में प्रदर्शनकारियों के आरोप सही नहीं हैं। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का इंतजार है। ”